चैटजीपीटी: बैंकिंग सेक्टर की बदलेगा तस्वीर, लेकिन है एक ‘रिस्की गेम’

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ऑर्टिफीशियल इंटेलीजेंस यानी AI की दुनिया में चैटजीपीटी इस समय चर्चा के केंद्र में है. मीडिया के दफ्तरों से लेकर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई तक इसके बारे में बात कर रहे हैं. चैटजीपीटी के इस्तेमाल को लेकर बहस भी जारी है. लेकिन वित्तीय संस्थान जैसे बैंक इस टेक्नॉलजी से कैसे प्रभावित होंगे, ये सवाल भी बहुत अहम है.

क्या है चैटजीपीटी 

यह एक चैटबॉट है जिसे ओपन एआई , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली एक कंपनी ने तैयार किया है. इस कंपनी को 2015 में एलन मस्क और सैम अल्टमैन ने शुरू किया था. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ये चैटबॉट आपके किसी भी सवाल का जवाब मिनटों में आपके सामने रख देता है. अगर आपको लग रहा है कि ये तो गूगल भी कर देता है आपको बता दें कि ये गूगल से काफी ज्यादा एडवांस है क्योंकि गूगल कुछ भी सर्च करने पर उससे जुड़े कई सारे लिंक्स आपके सामने रख देता है.

लेकिन ये कोई लिंक नहीं दिखाता है बल्कि फौरन आपके सवाल का सटीक जवाब सामने रख देता है. उदाहरण के लिए अगर आपको आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस पर आर्टिकल लिखना है तो गूगल आपको उससे जुड़े पहले से लिखे गए आर्टिकल और किताबों के लिंक आपको दिखाता है लेकिन चैट जीपीटी पूरा आर्टिकल लिखकर दे देगा. यही वजह है कि चैट जीपीटी आने वाले समय में इंटरनेट की दुनिया का एक बड़ा गेम चेंजर बनने वाला है.

कौन सी टेक्नॉलजी का चैटजीपीटी में होता है इस्तेमाल

चैट जीपीटी में एक लैग्वेंज मॉडल का इस्तेमाल होता है जिसको टेक्नॉलजी की दुनिया में एलएलएम कहा जाता है. जिसे डेटा और जानकारी के आधार पर ऐसे तैयार किया गया है ताकि ये किसी भी सवाल का बातचीत के अंदाज में सहज रूप से जवाब दे सके.

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