वरुण गांधी के इस बयान से बढ़ सकती है बीजेपी, कांग्रेस और सपा की मुश्किलें, जानिए कैसे?
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी बीते काफी दिनों से सुर्खियों में हैं. सांसद लंबे वक्त से पार्टी के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. दूसरी ओर उनके कांग्रेस या समाजवादी पार्टी में जाने की चर्चा थी. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान ने इन चर्चाओं को और हवा दी थी. लेकिन अब बीजेपी सांसद ने एक बड़ा खुलासा किया है.
वरुण गांधी ने अपने हालिया बयान में कहा है, “मैं राजनीति में आवाज उठाने के लिए आया हूं. पीलीभीत से मेरा खून का रिश्ता है और आप सभी लोग मेरा परिवार हैं. जब तक मैं और मेरी मां हैं तब तक आपकी आवाज उठाती रहेंगे. मैं और मेरी मां पीलीभीत के हर इंसान का दुख-दर्द और सुख समझते हैं.”
उनके इस बयान से स्पष्ट हो गया कि वो पीलीभीत लोकसभा सीट से अगला चुनाव भी चड़ेंगे. लेकिन इस बयान ने बीजेपी के अलावा कांग्रेस और सपा की टेंशन भी बढ़ा दी. दरअसल, उन्होंने बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर पार्टी के खिलाफ माहौल तो खुब बनाया है. लेकिन अभी तक पार्टी छोड़ने का कोई खास संकेत नहीं दिया है.
वरुण गांधी के संकेत स्पष्ट नहीं
दूसरी ओर गौर करने वाली बात ये है कि भले ही सपा और कांग्रेस में जाने की तमाम अटकलें चली हों लेकिन इसपर अभी तक वरुण गांधी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उनकी मां मेनका गांधी भी वरुण के बयानबाजी और किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर बिल्कुल खामोश हैं. उन्होंने अभी तक बीजेपी के खिलाफ कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दी, जिससे कोई संकेत मिले.
ऐसे वक्त में मेनका गांधी के खिलाफ जाकर बीजेपी छोड़ना वरुण गांधी के लिए आसान नहीं होगा. दूसरी ओर अगर वरुण गांधी इस सीट पर निर्दलीय भी लड़ते हैं ये तीनों पार्टियों बीजेपी, सपा और कांग्रेस के लिए मुश्किलों को बढ़ा सकता है क्योंकि राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस क्षेत्र में वरुण गांधी की अच्छी पकड़ रही है.