September 22, 2024

देशभर में रामनवमी की धूम; अयोध्या में भव्य समारोह, राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

देशभर में आज रामनवमी की धूम है। इस मौके पर भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या से लेकर देशभर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। गुरुवार सुबह से ही मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था।

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलला के अस्थाई मंदिर में जन्मोत्सव मनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।रामलला के परिसर को देसी और विदेशी फूलों से सजाया गया है। भगवान राम के जन्मोत्सव को खास बनाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

रामनवमी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को राम नवमी की शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राम नवमी की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट कर कहा, राम नवमी पर सभी देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरित्र से त्याग व सेवा का अमूल्य संदेश मिलता है। सभी देशवासी, प्रभु राम के उच्च आदर्श को आचरण में ढालें और एक गौरवशाली भारत के निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करें, ऐसी मेरी मंगलकामना है।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ट्वीट कर कहा कि राम नवमी के पावन-पुनीत अवसर पर समस्त देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं। त्याग, तपस्या, संयम और संकल्प पर आधारित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र का जीवन हर युग में मानवता की प्रेरणाशक्ति बना रहेगा।

अयोध्या से लेकर दिल्ली तक के मंदिरों में दिखी श्रद्धालुओं की भीड़

दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में रामनवमी के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। इसके अलावा दिल्ली के छतरपुर मंदिर में भी श्रद्धालुओं का पहंचना जारी है।

पटना के महावीर मंदिर में जुटी भीड़

बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक महावीर मंदिर में भी सुबह करीब चार बजे से श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है। इस मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। शाम को मंदिर से झांकी भी निकाली जाती है।

क्या है रामनवमी की कहानी

मान्यता है कि आज के ही दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान राम के जन्म की इस तारीख का जिक्र रामायण और रामचरित मानस जैसे तमाम धर्मग्रंथों में किया गया है। भगवान राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी को नवरात्रि से भी जोड़कर देखा जाता है। चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी पर भगवान राम का जन्म हुआ था। इसे भगवान राम के प्रकाट्योत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी प्रकार शारदीय नवरात्रि को राम और रावण के युद्ध से जोड़कर देखा जाता है।

कहा जाता है कि माता सीता को श्रीलंका से वापस लाने के लिए जब मर्यादा पुरुषोत्तम राम युद्ध लड़ रहे थे तब उन्होंने देवी दुर्गा का अनुष्ठान किया था, जो पूरे 9 दिनों तक चला था। मां दुर्गा ने भगवान श्रीराम को जीत का आशीर्वाद दिया था। इसके बाद पूजा के 10वें भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर विजय हासिल की थी।


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