वसुंधरा राजे ने इशारों में कहा- ‘अपने हो सकते हैं पराए’, क्या निशाने पर थे सतीश पूनियां?
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे डूंगरपुर जिले के म्याला में विधायक गोपाल मीणा द्वारा करवाई गई भागवत कथा में शामिल हुई. वसुंधरा राजे के पहुंचने से पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अचानक कथा स्थल पर पहुंचे. उन्होंने वहां आशीर्वाद लिया और वसुंधरा के आने से पहले ही वहां से निकल गए. वसुंधरा राजे से भी मीडिया ने सतीश पूनिया और सचिन पायलट को लेकर सवाल किए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
भगवान और भक्त की कहानी सुना वसुंधरा ने किया कैसा इशारा?
वसुंधरा राजे ने कहा, ‘ एक गांव में एक भगवान का सच्चा भक्त और एक अधर्मी रहते थे. दोनों में लड़ाई थी पर दोनों ही मंदिर जाते थे. एक दिन अधर्मी ने पुजारी के कान में कहा कि पिछले दिनों मंदिर से जो गहने चोरी हुए थे, वह उस दूसरे व्यक्ति (भक्त) ने चुराये थे. पुजारी ने मान लिया और दूसरे दिन भगवान की भक्ति में लीन उस व्यक्ति को चोर समझ मंदिर में नहीं घुसने दिया.
पर वो रोज आता और भगवान की सीढ़ियों पर ही ढोक लगाकर चला जाता. एक दिन वह भगवान की सीढ़ियों पर ढोक लगाकर घर जा रहा था तभी अचानक कार से टकरा गया. घर आकर वह भगवान की तस्वीर के सामने बैठकर कहने लगा भगवान धर्म की राह पर चलने वालों पर इतने संकट?’
क्या बीजेपी की अंदरूनी कलह की ओर था इशारा?
वसुंधरा राजे ने आगे कहानी का आखिरी हिस्सा सुनाते हुए कहा, ‘भगवान बोले जिस दिन तू गाड़ी से टकराया, वो तेरा आखिरी दिन था. पर तेरी भक्ति से तेरी मौत छोटी सी चोट में बदल गई. मेरी भक्ति के कारण तुझे एक दिन बहुत ऊंचा मुक़ाम मिलेगा. भगवान ने उसे उस अधर्मी के बारे में भी बताया कि उसके भाग्य में राजयोग था, मगर उसने मेरे भक्त पर झूठा आरोप लगाकर उसका दिल दुखाया.
मेरे गहने भी उसी ने चुराये, इसलिए भाग्य में होने के बावजूद उसे राजयोग कभी प्राप्त नहीं होगा. चाहे वह कितने ही झूठे आरोपों का सहारा ले लें. कितना ही षड्यंत्र रच लें, कामयाबी अंत में तुम्हारी ही होगी.’ वसुंधरा राजे द्वारा इस कथावाचन के भी मायने निकाले जा रहे हैं. उन्होंने यह बात सचिन पायलट को लेकर कही या फिर बीजेपी के अंदरूनी कलह को लेकर, इसको लेकर अटकलें चल रही हैं.