आसाराम के साथ इन पर भी है घिनौनी करतूत में शामिल होने का आरोप
जोधपुर के मनाई गांव स्थित आश्रम में दलित नाबालिग युवती से रेप के मामले में आसाराम के साथ ही 4 अन्य लोग भी आरोपी हैं। इन आरोपियों में शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया), शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता, शरद उर्फ शरतचंद्र शामिल हैं। इनमें लोगों में से तीन आरोपियों शिवा, शिल्पी और शरद को अदालत ने जमानत दे दी थी। लेकिन, आसाराम के आश्रम के रसोइये का काम देख चुके प्रकाश द्विवेदी ने आसाराम की सेवा करने के मकसद से जमानत तक नहीं ली।
कहा जाता है कि प्रकाश ने जेल में आसाराम की सेवा में कोई असुविधा न हो, इसके लिए जमानत नहीं ली और खुद भी बीते करीब साढ़े 4 साल से जेल में ही बंद है।
जानें, आसाराम के इन 4 सहयोगियों पर रेप केस में हैं क्या आरोप…
शिवा उर्फ सवाराम
सवाराम ने पीड़ित छात्रा को शाहजहांपुर से दिल्ली और फिर दिल्ली से जोधपुर ले जाने का काम किया। आरोप है कि सवाराम ने ही छात्रा को आसाराम से मिलवाया था। उसके बाद 15-16 अगस्त की रात को आसाराम ने छात्रा का यौन उत्पीड़न किया।
प्रकाश द्विवेदी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित आसाराम के आश्रम की ओर से चलाए जाने वाले हॉस्टल के कुक प्रकाश द्विवेदी ने जेल से निकलने के लिए बेल तक नहीं ली। कहा जाता है कि उसने आसाराम की सेवा के मकसद से बेल नहीं ली ताकि उन्हें किसी भी तरह की समस्या न हो। वह पूरे मामले में आसाराम, शिल्पी और शरतचंद्र के बीच की कड़ी था।
शिल्पी उर्फ संचिता
छात्रावास की वार्डन शिल्पी पर इलाज के लिए छात्रा को प्रेरित कर आसाराम के पास भेजने का आरोप है। आरोप है कि उसने छात्रा व उसके परिजनों को भूत और प्रेत का डर दिखाया था।
शरद उर्फ शरतचंद्र
आसाराम के गुरुकुल के संचालक शरतचंद्र पर आरोप है कि उसने छात्रा की बीमारी का इलाज नहीं कराया। उसने छात्रा के परिजनों को भ्रमित किया कि छात्रा का इलाज सिर्फ आसाराम ही कर सकते हैं। इसके लिए आसाराम संग छात्रा को पूरी रात अनुष्ठान करना होगा।