उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड कोर्स प्रारम्भ

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श्रीनगर(गढ़वाल)। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में रूद्रप्रयाग जनपद के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्तमुनि में 30 अप्रैल से टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड कोर्स का शुभारम्भ हुआ।
दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिन मुख्य वक्ता साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रो डी. आर. पुरोहित ने रूद्रप्रयाग जनपद के एतिहासिक सांस्कृतिक पर्यटन पर व्याखान दिया। उन्होंने कहा कि केदार घाटी का अपना इतिहास है। यहां की एतिहासिक विशेषता ही है कि पांडवों पर आधारित लोक गाथाएं और नृत्य परंपराएं उत्सव तथा मंचन यहां आज भी प्रचलित हैं। इस घाटी का पांडव नृत्य उत्तराखंड की विरासत है। वहीं जाने माने वनस्पतिशास्त्री प्रो जी. एस. रजवार ने ईको टूरिज्म पर विभिन्न देशों के तुलनात्मक अध्ययन के साथ उत्तराखंड की विशिष्टता पर प्रस्तुतीकरण के साथ व्याख्यान दिया।

इस अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रो आर. के. डोढी ने पर्यटन उद्योग में गाइड की भूमिका, आवश्यकता तथा गाइड का प्रस्तुतिकरण और दक्षता के प्रयोगात्मक पक्ष को विस्तार से अपने आकर्षक व्याख्यान से जोड़ा तथा पर्यटन विभाग की प्रो रश्मि डोढ़ी ने गाइड की भूमिका में वार्तालाप दक्षता, स्टोरी टेलर तथा व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित व्याखान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर पुष्पा नेगी ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को अपने परिवेश की समस्त सामान्य जानकारियों के लिए सदैव तत्पर रहने को कहा और स्थानीय जानकारियों के साथ उचित व्यवहार को अपने लिए महत्वपूर्ण कारक समझने हेतु प्रेरित किया।

कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक डॉ सर्वेश उनियाल ने इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बताई तथा कहा कि विश्वविद्यालय लगातार इस तरह के कार्यक्रमों से उतराखंड में पर्यटन के विकास और रोजगार की दिशा में कार्य कर रहा है। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ राहुल बहुगुणा ने किया। प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ के. पी. चमोली ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रारूप को साझा किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अनेक विषयों के प्राध्यापक उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रारूप संचालन के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से मान्यता प्राप्त गाइड जगदीश चमोला तथा विश्वविद्यालय के राकेश कोठारी उपस्थित रहे।

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