September 22, 2024

अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को भारत सरकार ने त्रुटिपूर्ण, प्रेरित और पक्षपाती बता किया खारिज

भारत ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। भारत की ओर से अमेरिकी रिपोर्ट को त्रुटिपूर्ण, प्रेरित और पक्षपाती बताया है।

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी है। अफसोस की बात है कि इस तरह की रिपोर्ट्स गलत सूचना और त्रुटिपूर्ण समझ पर आधारित होना जारी है।

उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों की ओर से प्रेरित और पक्षपाती टिप्पणी इन रिपोर्टों की विश्वसनीयता को कम करती है। बागची ने कहा कि हम अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देते हैं और हमारे लिए चिंता के मुद्दों पर खुलकर आदान-प्रदान करना जारी रखेंगे।

अगले महीने पीएम मोदी की है अमेरिका की यात्रा

बता दें कि अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं। उनकी यात्रा से पहले ये धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी की गई है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर वार्षिक रिपोर्ट को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जारी किया है। रिपोर्ट में दुनियाभर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता के हालातों के बारे में लिखा गया है।

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के राजदूत राशद हुसैन ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस, भारत, चीन और सऊदी अरब समेत कई अन्य सरकारें अपनी सीमाओं के भीतर कुछ समुदाय के सदस्यों को टार्गेट करती हैं।

भारत पर रिपोर्ट में भाजपा का 28 बार जिक्र

धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर भारत पर जारी रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का 28 बार जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का 24 बार और बजरंग दल का 7 बार जिक्र किया गया। रिपोर्ट में देश भर में भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए कथित हेट स्पीच का भी जिक्र किया गया है।

रिपोर्ट में मोहम्मद जुबैर, बिलकिस बानो का भी जिक्र

रिपोर्ट में मोहम्मद जुबैर, बिलकिस बानो, उमर खालिद जैसे लोगों के नाम भी रिपोर्ट में सामने आए। रिपोर्ट में केवल अल्पसंख्यकों के अलावा सभी समुदायों के लोगों के खिलाफ कथित घृणा अपराधों के सभी मामलों का विवरण दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 जून को पुलिस ने फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक पत्रकार मोहम्मद जुबैर को 2018 में पोस्ट किए गए एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया, जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने ‘जानबूझकर हिंदुओं का अपमान’ किया है।”

15 अगस्त को, मुस्लिम महिला बिलकिस बानो के साथ बलात्कार करने और 2002 में उसके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या करने के दोषी 11 लोगों को 15 साल की जेल की सजा काटने के बाद गुजरात में रिहा कर दिया गया।


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