September 22, 2024

मणिपुर हिंसा: राहत शिविरों में परेशान हजारों मासूम और महिलाएं… विपक्षी सांसदों के दौरे के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया मणिपुर का हाल

मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है. अब विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर दौरे से लौट चुका है, जिसके बाद तमाम नेता अपना अनुभव साझा कर रहे हैं. साथ ही बताया जा रहा है कि राज्य में हालात किस कदर बिगड़ रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर कई अहम मुद्दों को रखा है. उन्होंने बताया कि हमारे गठबंधन INDIA के सांसदों ने कैसे मणिपुर के लोगों से बात की और दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं.

मणिपुर पर विपक्षी सांसदों की हुई बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो तमाम विपक्षी सांसद बैठे दिख रहे हैं, जो मणिपुर के दौरे पर गए थे. इस बैठक में खरगे भी शामिल हुए. बैठक में सांसदों ने वीडियो और तस्वीरों के जरिए बताया कि मणिपुर में फिलहाल कैसे हालात हैं. इसी बातचीत का जिक्र खरगे ने अपने ट्वीट में किया है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, “मणिपुर में लगातार उथल-पुथल मची है. मोदी सरकार इसे लेकर लगातार उदासीन नजर आई. हमारे INDIA गठबंधन के सांसदों ने राज्य का दौरा करने के बाद लोगों से दर्द की दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं, जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल थे.” इसके बाद प्वाइंटर्स में खरगे ने बताया कि मणिपुर में क्या हालात हैं.

    • 10 हजार मासूम बच्चों समेत 50 हजार से ज्यादा लोग अपर्याप्त सुविधाओं वाले राहत शिविरों में है. खासतौर पर महिलाओं के लिए सुविधाओं की कमी है, साथ ही लोग दवाओं और भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं.
    • मणिपुर में आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, किसानों ने अपनी खेती बंद कर दी है और लोग वित्तीय घाटे और मानसिक परेशानी दोनों से जूझ रहे हैं. दो समुदायों के बीच विभाजन काफी ज्यादा चिंताजनक है.

पीएम मोदी के पास नहीं है वक्त- खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में आगे पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, “चुनावी रैलियों, सेल्फ-पीआर, ट्रेन के उद्घाटन और बीजेपी की बैठकों में शामिल होने के लिए समय होने के बावजूद, पीएम मोदी के पास मणिपुर के लोगों की पीड़ा और दर्द को संबोधित करने या समुदाय के मुद्दों को हल करने की दिशा में काम करने के लिए समय नहीं है. मोदी सरकार मणिपुर की स्थिति से निपटने में दिशाहीन दिख रही है, संसद में एक व्यापक बयान नहीं देने से ये बात स्पष्ट होती है.”


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