अविश्वास प्रस्ताव पर होनी है चर्चा, लेकिन लोकसभा में नहीं आ रहे अध्यक्ष ओम बिरला, अब कैसे होगी कार्रवाई?
लोकतंत्र में संसद को सर्वोच्च माना गया है। भारत में भी लोकसभा और राज्यसभा हैं। लोकसभा में जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनधि बैठते हैं और कानून बनाते हैं। लोकसभा में सर्वोच्च सदन का अध्यक्ष होता है। उसके निर्देश पर ही सदन की कार्रवाई होती है। इस समय मानसून सत्र चल रहा है। पिछले कई दिनों से लोकसभा की कार्रवाई बेहद ही हंगामेदार हो रही है। जहां एकतरफ विपक्ष मणिपुर हिंसा के मसले पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है तो वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगा रहा है।
लोकसभा में जमकर हो रहा हंगामा
इस बीच सदन में जमकर हंगामा हो रहा है। लोकसभा में नाममात्र का ही काम हो पा रहा है। विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद अभी इस पर चर्चा होना बकाया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल भी पेश कर दिया है, जिसपर आज चर्चा संभव है। वहीं इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन की कार्रवाई से गैरमौजूद रह रहे हैं।
सांसदों के व्यवहार से नाराज हैं स्पीकर
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों के व्यवहार से नाराज होकर सदन की कार्रवाई में गैरमौजूद रह रहे हैं। उन्होंने इस बारे में सत्ता और विपक्ष को भी अवगत करा दिया है। सूत्रों के अनुसार, बिरला ने कहा है कि सदन की गरिमा उनके लिए सर्वोच्च है। और सदन में मर्यादा कायम रखा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। सूत्रों के अनुसार, उन्हें सदन में कुछ सांसदों का व्यवहार अनुचित और सदन की परम्परा के विपरीत लगा है और जब तक सांसदों का व्यवहार नहीं सुधरता है वह कार्रवाई में शामिल नहीं होंगे।
अब कैसे होगी सदन की कार्रवाई?
अब सवाल उठता है कि जब लोकसभा का अध्यक्ष कार्रवाई में शामिल नहीं होता है तो ऐसे स्थिति में क्या होता है? बता दें कि लोकसभा में स्पीकर की गैरमौजूदगी में डिप्टी स्पीकर काम संभालते हैं। अगर कभी स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों ही अनुपस्थित हों तो चेयरपर्सन पैनल का एक सदस्य सदन की अध्यक्षता करता है और वह ही सभी कामकाज संभालता है। बुधवार 2 जुलाई को भी इसी तरह से सदन की कार्रवाई हुई थी।