ज्ञानवापी को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर केशव प्रसाद मौर्य की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसे लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है. केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे से पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी. उन्हें पूरी उम्मीद है कि राम मंदिर की तरह इस विवाद का भी निर्णय हो जाएगा.
केशव प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर आए हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, एएसआई के सर्वे से सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. मुझे पूरी उम्मीद है कि ज्ञानवापी का जो विवाद है श्री राम जन्मभूमि की तरह इसका विवाद भी निर्णय होगा और शिवभक्तों की मनोकामना पूरी होगी. उन्होंने आगे कहा कि सर्वे के माध्यम से मुगल आक्रमणकारी जिन्होंने मंदिर का विध्वंस किया था और उसको छिपाया गया था, उसका सच बाहर आएगा. बाकि ये मामला माननीय न्यायालय के समक्ष है जो भी फैसला आएगा हम उसका स्वागत करेंगे.”
#WATCH | I welcome this verdict. I am confident that the truth will come out after the ASI survey and Gyanvapi issue will be resolved: UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya on Allahabad HC allowing ASI survey of Gyanvapi mosque complex pic.twitter.com/g6MioucQtz
— ANI (@ANI) August 3, 2023
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है और सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे को नुकसान होने की बात कहकर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सर्वे को किसी भी स्टेज पर शुरू किया जा सकता है. इसके साथ ही अब कभी भी ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया जा सकता है वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. मुस्लिम पक्ष एक या दो दिन में SC में अपील कर सकता है.
आपको बता दें कि इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर इसे मस्जिद कहा जाएगा तो विवाद होगा. वहां की दीवारें चीख-चीखकर सबूत दे रही है. वहां त्रिशूल कहां से आया, उसे हमने तो नहीं रखा है. वहीं उन्होंने मुस्लिम पक्ष से इसे एतिहासिक भूल मानकर सुधार का प्रस्ताव देने की बात तक की थी.