2019 के मुकाबले 50% अधिक लोगों ने दिखाया 1 करोड़ से ज्यादा आय, 4.65 करोड़ टैक्सपेयर्स ने दिखाया जीरो टैक्स
देश में इंडीविजुअल इनकम टैक्स फाइलिंग की समयसीमा 31 जुलाई 2023 को पूरी हो चुकी है और इससे जुड़े आंकड़ों से अब कई तथ्य सामने आ रहे हैं. इस साल के आयकर रिटर्न फाइलिंग डेटा से ये बात सामने आई है कि देश में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की इनकम वाले टैक्सपेयर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है.
कितनी रही 1 करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर फाइल करने वालों में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 2.69 लाख रही है. ये कोविड के संकटकाल से पहले के साल 2018-19 के मुकाबले 49.4 फीसदी ज्यादा है. इस तरह देखा जाए तो पिछले 4 सालों में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों की आधिकारिक संख्या 50 फीसदी के करीब बढ़ गई है जो देश में इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या बढ़ने का संकेत माना जा सकता है.
1 करोड़ रुपये से ज्यादा आय वाले टैक्सपेयर्स का आंकड़ा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 2.69 लाख रही जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में 1.93 लाख पर थी. वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में 1.80 लाख पर थी. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या को साल 2019-20 के मुकाबले देखा जाए तो इसमें 41.5 फीसदी का इजाफा देखा गया है. वहीं इस अवधि से तुलना करने पर 5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम टैक्स देने वालों की संख्या केवल 0.6 फीसदी ज्यादा रही है.
5 लाख से ज्यादा आय वाले टैक्सपेयर्स 1.4 फीसदी बढ़े
इसी तरह 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले करदाताओं की संख्या में 1.4 फीसदी का इजाफा देखा गया है. वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले देखा जाए तो 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के टैक्स ब्रेकेट में 1.10 करोड़ टैक्सपेयर्स रहे हैं.
इस साल टैक्स भरने वाले टैक्सपेयर्स का आंकड़ा कुछ इस तरह रहा
- हरेक टैक्स ब्रेकेट में टैक्स भरने वालों का आंकड़ा देखें तो 4.65 करोड़ टैक्सपेयर्स ने 5 लाख रुपये से कम की आमदनी दिखाई यानी जीरो टैक्स अदा किया.
- 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के टैक्स ब्रेकेट में 1.10 करोड़ टैक्सपेयर्स रहे हैं.
- 10 लाख से 20 लाख रुपये की इनकम वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 45 लाख रही है.
- 20 से 50 लाख रुपये के बीच के टैक्सपेयर्स की संख्या 19 लाख रही है.
- 50 लाख से 1 करोड़ रुपये की आय वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 3.3 लाख रही है.
- 1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 2.69 लाख रही है.