UTTARAKHAND: समान नागरिक संहिता का विरोध करेंगी वाम पार्टियां

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देहरादून। तीन वामपंथी पार्टियों- भाकपा, माकपा और भाकपा(माले) की बैठक माकपा राज्य कार्यालय, देहरादून में आयोजित हुई। जिसमें वाम नेताओं ने कहा कि भाजपा संघीय ढांचे को तहस नहस करने पर उतारू है। जिसके खिलाफ वे 8 फरवरी को देहरादून में धरना देंगे।

वामपंथी नेताओं ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश के संघीय ढांचे को तहस-नहस करने पर तुली हुई है. विपक्षी सरकारों को अस्थिर करना, उन्हें केंद्रीय करों में से उनका अंश न देना, गणतंत्र दिवस की परेड में विपक्षी पार्टियों की सत्ता वाले राज्यों की झांकियों को शामिल न करने जैसे तमाम उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि मोदी सरकार, विपक्षी पार्टियों से शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है. इन राज्यों में राज्यपाल अपने पद की गरिमा के अनुरूप आचरण करने के बजाय केंद्रीय सरकार की कठपुतली की तरह व्यवहार कर रहे हैं और राज्य सरकारों की राह में भरसक अड़चन पैदा कर रहे हैं.

केरल की वाम मोर्चे की सरकार के साथ केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ वहाँ के मुख्यमंत्री कॉमरेड पिनरई विजयन के नेतृत्व में केरल का पूरा मंत्रिमंडल और सांसद, 08 फरवरी को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे. उक्त धरने के समर्थन और केरल व अन्य विपक्षी पार्टियों की सरकारों के साथ किए जा रहे भेदभाव के विरुद्ध वामपंथी पार्टियां 08 फरवरी को देहरादून के दीनदयाल उपाध्याय पार्क में धरना देंगी.

वामपंथी नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जिस तरह आज रिपोर्ट मिलने के तीसरे दिन समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को विधानसभा में पेश करने की तैयारी है, वह हड़बड़ी दर्शाती है कि बिना विचारे, सिर्फ चुनावी लाभ के लिए आजमाया जा रहा हथकंडा है, यूसीसी. वामपंथी नेताओं ने कहा कि यूसीसी का उपयोग राज्य की भाजपा सरकार केवल अल्पसंख्यकों में भय पैदा करने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए करना चाहती हैं.

वामपंथी नेताओं ने कहा कि संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 44 में पूरे देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की बात है, इसलिए किसी एक राज्य द्वारा अलग से नागरिक संहिता बनाना औचित्यहीन है.
वामपंथी नेताओं ने कहा कि देश को एकरूपता की आवश्यकता नहीं है बल्कि समानता की जरूरत है और देश की विविधता और विभिन्नता को संरक्षित करने की आवश्यकता है.

राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था द्वारा यूसीसी का विरोध करने वालों को चिन्हित करने और उन पर कार्यवाही करने का निर्देश देने का वामपंथी नेताओं ने कड़ा विरोध किया, इसे अलोकतांत्रिक और दमनात्मक करार दिया.

बैठक में माकपा के राज्य सचिव कॉमरेड राजेंद्र सिंह नेगी, भाकपा(माले) के राज्य सचिव कॉमरेड इन्द्रेश मैखुरी, भाकपा के राज्य कौंसिल के सदस्य कॉमरेड अशोक शर्मा, माकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य कॉमरेड सुरेन्द्र सिंह सजवाण, माकपा के राज्य कमेटी सदस्य कॉमरेड अनंत आकाश आदि शामिल थे.