‘समान नागरिक’ तो बना दिया पर ‘समान वेतन’ कब दोगे सरकार!
देहरादून। उपनल कर्मचारियों की सालों पूरानी ‘समान वेतन’ की मांग पूरी नहीं हो पाई है। उपनल कर्मचारी अपनी इस मांग को विभिन्न मंचों से उठा चुके हैं। लेकिन जिम्मेदारों से कोरे आश्वासन के सिवा उन्हें अभी तक कुछ नहीं मिल पाया है। वेतन को लेकर प्रदेश में उपनल कर्मचारियों की कोई नियमावली भी नहीं है।
ये उपनल कर्मी सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर विभिन्न पदों में कार्य कर रहे हैं। लेकिन इनके वेतन में कोई समानता नहीं है। इन कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं मिलता। सालों साल सरकारी विभागों में काम करने के बाद भी कभी भी इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। जिससे उनका भविष्य भी सुरक्षित नहीं है।
लगातार होती अनदेखी के चलते सोमवार को एक बार भी उपनल कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। ये आंदोलित कर्मचारी नियमितीकरण, समान कार्य समान वेतन, मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।
चिन्यालीसोड़ से आये उपनल कर्मचारी संतोष कुमार कहते हैं कि उपनलकर्मियों के साथ सरकार छलावा कर रही है। हम काम तो करते है लेकिन छः-छः महीने बीत जाते हैं वेतन नहीं मिलता। जिससे घर-परिवार चलाना कभी-कभी मुश्किल हो जात है।
उपनलकर्मी मनोज बहुगुणा कहते हैं उपनल कर्मियों के शोषण किया जा रहा है। सरकार उपनलकर्मियों के हित में शासनादेश लागू कराने के बजाय उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला जाता है। कर्मचारियों को देने के लिए सरकार के पास वेतन नहीं है लेकिन वकीलों की मोटी फीस के लिए पैसा है।
सचिवालय कूच में आए राकेश शर्मा कहते हैं कि उपनलकर्मियों बीएलओ से लेकर आपदा तक हर कार्य में घसीटा जाता है लेकिन वेतन नाममात्र का दिया जाता है। वे सवाल उठाते है कि महंगाई के इस दौर में क्या 14000 के वेतन में घर चलाया सकता है।
उपनलकर्मी कुशाल सिंह भण्डारी कहते हैं कि उपनल कर्मी सालों से काम कर रहे हैं। सरकार की ओर से उन्हें कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है। वे मांग करते हैं कि उपनलकर्मियों को समय से वेतनवृद्धि हो, इयरवाइज वेतन की रूपरेखा तैयार हो।