उत्तराखण्डः बिजली दरों में बढ़ोतरी पर विपक्ष ने उठाये सवाल
देहरादून। उत्तराखण्ड में बिजली के दामों में हुई बढ़ोतरी राजनीतिक दलों के लिए मुद्दा बन गई है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई बढ़ी हुई दरें जारी कर दी हैं। बिजली की बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल के प्रभावी होगी। विपक्षी दल ने सरकार पर जनता को महंगाई में धकेलने का आरोप लगा दिया है।
19 अप्रैल को हुए मतदान के बाद 26 अप्रैल को बिजली के दाम बढ़ाने की घोषणा की गई । बढ़ी हुई यह दरें इसी महीने 1 अप्रैल से लागू होंगी। विपक्ष ने सवाल उठाया है कि यदि बिजली के दाम में बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू की गई है तो फिर 1 अप्रैल से पहले ही इसकी घोषणा क्यों नहीं की गई?
वैसे तो बिजली के बढ़े हुए दाम घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों तक के लिए बढ़ाए गए हैं, लेकिन बीपीएल परिवारों को इसमें राहत दी गई है। उपभोक्ताओं के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी के साथ प्रति यूनिट बिजली के दाम भी बढ़ाये गये हैं।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं के हितों को लेकर सचेत है उत्तराखंड मे अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड मे बिजली कि दरें सस्ती है और प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ौतरी भी काफी कम है।
चौहान ने कहा कि राज्य मे बिजली की कीमत में 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कम है। पिछले वर्ष 2023- 24 में 9.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।