बद्रीनाथ धाम में वीआईपी संस्कृति के चलते जनता का फूटा आक्रोश
देहरादून। बद्रीनाथ धाम में वीआईपी संस्कृति को लेकर स्थानीय जनता और व्यापारियों में रोष व्याप्त है। बद्रीनाथ में वीआईपी संस्कृति के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और अव्यवस्था के व्यापारियों ने अपना प्रतिष्ठान बंद रखे। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नारेबाजी करते हुए वीआईपी कल्चर खत्म करने की मांग की।
गेट नंबर-3 पर स्थानीय लोगों के साथ पंडा-पुरोहित, हक-हकूकधारी और व्यापार सभा के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बामणी गांव की ओर जाने वाले पैदल रास्ते पर वीआईपी दर्शन के लिए कार्यालय बनाया गया है। जिसके चलते गांव की तरफ जाने वाला मार्ग बंद कर दिया गया है। गांव के लोगों को इस रास्ते से गुजरने नहीं दिया जा रहा है। आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस बार उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों ने अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं।
वीआईपी कल्चर खत्म करने की मांग
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मंदिर समिति और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों ने कहा कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले प्रशासन ने तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया। जिसके चलते तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग है कि वीआईपी कल्चर को खत्म किया जाए।
इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि पिछले साल किन-किन वीआईपी लोगों ने दर्शन किए, किस माध्यम से किए और इन लोगों को किसने वीआईपी बनाया, ये सभी जानकारी सार्वजनिक की जाए। बता दें, बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से पिछले साल वीआईपी कल्चर की शुरुआत की गई थी। इसके तहत 300 रुपये देकर लोग वीआईपी दर्शन कर सकते हैं।