November 25, 2024

आयुर्वेद विवि के कुलपति की नियुक्ति को नैनीताल हाईकोर्ट में दी चुनौती

court high

नैनीताल। आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ० अरुण कुमार त्रिपाठी की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। इस सम्बंध में पेश याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इधर, मंगलवार 10 सितंबर को इस प्रकरण में मा. न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की बेंच में सुनवाई हुई। इस याचिका को मा. न्यायाधीश तिवारी ने मा. मुख्य न्यायाधीश की बेंच में स्थानांतरित करने हेतु कहा है। बता दें कि स्वयं मा. न्यायाधीश मनोज तिवारी भी कुलपति चयन समिति में एक सदस्य थे।

गौरतलब है कि हरिद्वार के डा० नवनीत परमार ने उच्च न्यायालय नैनीताल में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति के चयन के विरुद्ध जनहित याचिका दायर की है। अपनी याचिका में डा नवनीत परमार ने आरोप लगाया है कि डॉ० अरुण कुमार त्रिपाठी के कुलपति पद पर चयन के लिये आवश्यक मूल योग्यताओं जैसे प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का अनुभव नही रखते है। अयोग्यता के बावजूद शासन स्तर पर मिलीभगत कर उन्हें आयुर्वेद विवि का कुलपति बनाया गया है।

कुलपति आवेदन के लिए अनुभव एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र भी शासन के तत्कालीन आयुष सचिव डा० पंकज कुमार पाण्डेय स्तर से निर्गत किया गया जो नियम विरुद्व था। जबकि डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी विश्वविद्यालय के मूल कार्मिक थे और नियोक्ता विश्वविद्यालय के कुलपति होते हैं।
यही नहीं, अनापति प्रमाण पत्र भी आवेदन तिथि समाप्ति के बाद शासन स्तर से निर्गत किया गया जबकि यह विश्वविद्यालय से ससमय आवेदन जमा किये जाने के साथ ही जारी होना चाहिए था।

याचिका में कहा गया है कि आवेदन के उपरांत पुनः आवेदनकर्ताओं को छूटे हुए अभिलेख जमा करने की छूट दी गई जो सम्भवतः डॉ० अरुण कुमार त्रिपाठी के आवेदन को ही येन केन प्रकारेण ठीक किये जाने का प्रयास था। अन्यथा यदि आवश्यक अभिलेख व अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि संलग्न नहीं थे तो उन अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त किये जाने चाहिए थे। इस सम्पूर्ण प्रकरण में आयुष सचिव, विभिन्न समितियां व स्वयं वर्तमान कुलपति को सन्देह के घेरे में लिया गया हैं। कुलपति की नियुक्ति को लेकर आने वाले दिनोंमें हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

राज्य में कुलपतियों के चयन को लेकर विवाद उठते रहे हैं। पूर्व में आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० सुनील कुमार जोशी को भी मानक पूर्ण न होने के कारण से कार्यकाल पूर्ण होने से ठीक कुछ दिन पहले ही हटाया गया था।