भारत बनेगा तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति, सीए का योगदान अहम: बंडारू दत्तात्रेय (हरियाणा राज्यपाल )
दिल्ली: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय में द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की दो दिवसीय कार्यशाला ‘परचम’ के उद्घाटन के अवसर पर अहम बयान दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के आर्थिक सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि देश जल्दी ही दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा। इस आर्थिक तरक्की में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
राज्यपाल ने इस अवसर पर सीए समुदाय से आग्रह किया कि वे अपने व्यवसाय में ईमानदारी और विश्वसनीयता बनाए रखें, क्योंकि यही उनके काम की मूलधारा है। उन्होंने कहा, “चार्टर्ड अकाउंटेंट ही व्यापारियों को सही मार्ग दिखाते हैं और उनकी विश्वसनीयता को मजबूती प्रदान करते हैं।” साथ ही, उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, ताकि देश की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सके।
राज्यपाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों का असर अब दिखने लगा है, जिनमें जीएसटी और इनकम टैक्स वसूली में बढ़ोतरी शामिल है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जीएसटी संग्रह 7.19 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 2023-24 में बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसी तरह, आयकर संग्रह भी 7.20 लाख करोड़ से बढ़कर 19.50 लाख करोड़ हो गया है। इन आंकड़ों में सीए का महत्वपूर्ण योगदान है।
कार्यशाला के दौरान राज्यपाल ने यह भी बताया कि 1947 में भारत की आज़ादी के समय देश में केवल 1700 सीए थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 60 लाख से अधिक हो गई है, जो इस क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। गुरुग्राम जिले में अकेले 25 हजार से ज्यादा सीए कार्यरत हैं।
आईसीएआई के वाइस प्रेसीडेंट चरणजोत सिंह नंदा ने इस अवसर पर संस्था की स्थापना और इसके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज आईसीएआई के 42 हजार सदस्य देश-विदेश में प्रमुख कंपनियों के उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
कार्यशाला में गुरुग्राम विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. दिनेश कुमार ने विश्वविद्यालय के नए कैंपस के निर्माण और विकास की जानकारी दी, जबकि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नवीन गोयल ने विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
समारोह में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें गणेश वंदना और हरियाणवी लोकनृत्य शामिल थे। इस अवसर पर आईसीएआई के अन्य पदाधिकारी और गुरुग्राम विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।