November 15, 2024

मुख्यमंत्री की बैठक को कांग्रेस ने बताया ढकोसला

465718074 1082954413839317 3075763627269352546 n

भू-कानून संघर्ष समिति ने किया भूख हड़ताल का ऐलान

देहरादून। उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर जहां आंदोलन चल रहा है। तो वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गैरसैंण में भू-कानून को लेकर महत्वपूर्ण बैठक ली है। जिसमें भू-कानून के प्रावधानों पर चर्चा की गई है। गैरसैंण से जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है तो वहीं मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति ने अब भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। जबकि कांग्रेस ने सरकार की कोशिशों को ढकोसला करार दिया है।
उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। तो वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान कर दिया है कि उत्तराखंड में आगामी बजट सत्र में सशक्त भू-कानून सरकार लेकर आएगी। बुधवार को गैरसैंण में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू-कानून को लेकर महत्वपूर्ण बैठक ली है। जिसमें भू-कानून में होने वाले बदलाव को लेकर चर्चा की गई।

गैरसैंण में भू-कानून को लेकर बैठक कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा संदेश ग्रीष्मकालीन राजधानी से देने की भी कोशिश की है कि सरकार भू-कानून को लेकर गंभीर है। इसके साथ ही ये संदेश भी दिया गया है कि राज्य वासियों की भावनाओं के अनुरूप भू-कानून सरकार लेकर आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार सशक्त भू-कानून की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही जिस उद्देश्य के साथ जो जमीन खरीदी गई थी और उस उद्देश्य को लेकर उस पर काम नहीं हुआ है। तो ऐसी जमीनों पर भी अब कार्रवाई की जा रही है और ऐसी जमीनों को सरकार में निहित किया जा रहा है।

सीएम की बैठक को कांग्रेस ने बताया ढकोसला

गैरसैंण में भू-कानून को लेकर सीएम धामी की द्वारा ली गई बैठक को मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि भू-कानून को लेकर सरकार मात्र ढकोसला कर रही है। जबकि सरकार सशक्त भू-कानून को लेकर गम्भीर नही हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि सरकार की इसके पीछे की मंशा ठीक नहीं है।

भू-कानून संघर्ष समिति भूख हड़ताल का किया ऐलान

भू-कानून की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी का कहना है कि सरकार अगर 26 नवंबर तक संविधान दिवस के दिन से पहले 2018 के बाद जितने भी बदलाव भू-कानून में हुए हैं उनको रद्द नहीं करती है तो फिर 26 नवंबर से मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के बैनर तले वो भूख हड़ताल पर बैठेंगे।