78वें स्वतंत्रता दिवस पर हरियाणा के सीएम की बड़ी सौगात, दुग्ध उत्पादकों को 15.59 करोड़ की सब्सिडी
चंडीगढ़, 15 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दुग्ध उत्पादकों को बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 35,000 दूध उत्पादकों को अप्रैल, मई और जून 2024 के लिए 15 करोड़ 59 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की गई। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत दूध सप्लाई करने वालों का बीमा प्रीमियम अब राज्य सरकार वहन करेगी।
एक साल तक बढ़ाई गई सब्सिडी की अवधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों के प्रोत्साहन को और बढ़ाते हुए सब्सिडी की अवधि छह महीने से बढ़ाकर एक साल कर दी गई है। इसके अलावा, अंत्योदय परिवारों के लिए प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दी गई है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।
मुर्राह भैंस और दूध उत्पादन में अग्रणी हरियाणा
श्री सैनी ने कहा कि हरियाणा मुर्राह नस्ल की भैंस और देश में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता के लिए प्रसिद्ध है। हरियाणा की प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1,098 मिलीलीटर है, जो राष्ट्रीय औसत 459 मिलीलीटर से कहीं अधिक है।
280 करोड़ रुपये से स्थापित होगा नया दूध संयंत्र
रेवाड़ी जिले के गांव बिंदावास में 280 करोड़ रुपये की लागत से नया दूध संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिसकी प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग क्षमता होगी। हरियाणा में फिलहाल 6 मिल्क प्लांट और 3,300 सहकारी दुग्ध समितियां कार्यरत हैं।
दुग्ध उत्पादकों के लिए विशेष योजनाएं
- हाईटेक व मिनी डेयरी स्कीम:
- 10 दुधारू पशुओं तक की डेयरी पर 25% सब्सिडी।
- अनुसूचित जाति के लिए 50% सब्सिडी।
- देसी नस्ल की गाय रखने वालों को 30,000 रुपये वार्षिक अनुदान।
- पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड:
- 1.6 लाख रुपये तक बिना गारंटी ऋण।
- छात्रवृत्ति और कन्यादान योजना:
- 10वीं और 12वीं के छात्रों को 80% से अधिक अंक लाने पर 2,100 से 5,100 रुपये तक की छात्रवृत्ति।
- बेटी की शादी के लिए 1,100 रुपये कन्यादान योजना के तहत।
- पशुधन बीमा योजना:
- बड़े पशुओं के लिए बीमा प्रीमियम 100-300 रुपये।
- अनुसूचित जाति के लिए मुफ्त बीमा।
श्वेत क्रांति में हरियाणा का योगदान
मुख्यमंत्री ने सहकारी आंदोलन और श्वेत क्रांति में हरियाणा के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वीटा जैसे ब्रांड ने ग्रामीण युवाओं को रोजगार और प्रदेश को पहचान दिलाई है।
गोवंश संवर्धन पर विशेष जोर
देसी गायों की नस्ल सुधार के लिए 37 करोड़ रुपये की लागत से चार गोवंश संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र बनाए जा रहे हैं।