पंजाब के 2630 स्कूलों की रिपोर्ट लंबित, शिक्षा विभाग का सख्त रुख
शिक्षा विभाग ने बुनियादी सुविधाओं पर रिपोर्ट तलब की, लापरवाही बरतने वाले जिलों को दी कड़ी चेतावनी
लुधियाना: पंजाब के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के डायरैक्टर जनरल (डीजीएसई) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को लंबित रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
राज्य भर में 2630 स्कूलों की रिपोर्ट अब तक विभाग को नहीं मिली है। इनमें लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, और पटियाला जैसे प्रमुख जिलों के स्कूल भी शामिल हैं। डीजीएसई ने चेतावनी दी है कि रिपोर्ट समय पर न देने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
बुनियादी सुविधाओं की जांच में मुख्य प्राथमिकताएं:
- स्कूलों में पीने के पानी की उपलब्धता।
- उम्रानुकूल डेस्क।
- स्वच्छ और कार्यरत शौचालय।
- सीमा दीवार की उचित स्थिति।
- दीवारों पर सफेदी और मरम्मत।
पंजाब के विभिन्न जिलों में सरकारी स्कूलों की स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्य सचिव के निर्देशानुसार यह प्रक्रिया शुरू की गई है। रिपोर्ट देने में देरी पर शिक्षा विभाग ने कहा कि सुधारात्मक कदम उठाने के लिए रिपोर्ट का समय पर मिलना बेहद जरूरी है।
लंबित रिपोर्ट वाले प्रमुख जिलों का विवरण:
पटियाला (313), संगरूर (392), रूपनगर (228), मोगा (187), लुधियाना (209), और जालंधर (169) सहित कुल 2630 स्कूलों ने अब तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।