जालंधर में किसानों का ट्रैक्टर मार्च, केंद्र सरकार के खिलाफ गूंजा विरोध का नारा

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एमएसपी गारंटी और काले कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे हजारों किसान, प्रशासन अलर्ट

जालंधर: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जालंधर में किसानों ने बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह मार्च किशनगढ़ से लेकर भोगपुर तक आयोजित किया गया।

किसानों का आक्रोश:
किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर किसान झंडे और तिरंगे लगाकर मार्च किया। पूर्व सरपंच अमरदीप सिंह ने बताया कि यह प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए “काले कानूनों” के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि धारा 144 की शक्तियों को डीसी से डीएसपी को सौंपने का निर्णय भी किसानों की आवाज दबाने का प्रयास है।

प्रमुख किसान नेता हुए शामिल:
मार्च के दौरान विभिन्न जिलों में किसान नेता अलग-अलग स्थानों पर शामिल हुए। सरवन सिंह पंधेर ने अमृतसर के वाघा बॉर्डर से मार्च की अगुवाई की, जबकि सुरजीत सिंह फूल भगता मंडी में, मंजीत सिंह राए होशियारपुर में, और सुखविंदर कौर मोर मंडी में मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

प्रशासन अलर्ट पर:
ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। किसानों ने यह भी ऐलान किया कि वे घग्गर नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए तैयार हैं।

कानूनी प्रतियां जलाने की योजना:
शंभू मोर्चे पर किसान नेताओं ने बाजवा ढाबे से मार्च शुरू कर केंद्र सरकार के कानूनों की प्रतियां जलाने का निर्णय लिया है। किसानों का कहना है कि संविधान का खुला उल्लंघन हो रहा है और “काले कानूनों” को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।

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