सांसद सुखजिंदर रंधावा बनाम डीसी: सरकारी अधिकारियों के अपमान का मामला गरमाया लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र के बाद राजनीतिक हलकों में मची हलचल

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गुरदासपुर : पंजाब के गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जिलाधीश उमा शंकर गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीसी ने सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में उनका और उनके सहयोगियों का अपमान किया। यह विवाद तब गहराया जब कांग्रेसी नेताओं और जिलाधीश कार्यालय के बीच तीखी बहस हुई।

क्या है मामला?

सांसद रंधावा, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पूर्व मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा डीसी से मिलने पहुंचे थे। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि प्रशासन पंचायत चुनावों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं कर रहा है। बैठक के दौरान रंधावा और डीसी के बीच करीब आधे घंटे तक बहस हुई। रंधावा ने दावा किया कि डीसी ने उन्हें कार्यालय से बाहर जाने को कहा, जिसे डीसी ने नकारते हुए कहा कि यह आरोप निराधार हैं।

रंधावा का बड़ा बयान

सांसद रंधावा ने कहा कि डीसी का व्यवहार सांसदों के विशेषाधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीसी ने उनके फोन कॉल का जवाब देने से इनकार कर दिया और कई बार सरकारी कामों में अनदेखी की।

डीसी का पक्ष

जिलाधीश उमा शंकर गुप्ता ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने रंधावा को चाय परोसी और उन्हें कार्यालय छोड़ने के लिए कहने जैसी बात असंभव है। डीसी ने इसे “राई का पहाड़” बनाने की कोशिश बताया।

विशेषाधिकार प्रस्ताव का मामला

सांसद रंधावा ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सांसदों के अधिकारों को कमजोर करना अस्वीकार्य है।

राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल

इस विवाद ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेताओं ने डीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने डीसी का समर्थन किया है।

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