जहरीली शराब पीने से कानपुर नगर और कानपुर देहात में 15 मौतों के मामले में एक बार फिर छोटे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। डीआईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि डीआईजी कानपुर देहात ने तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। वहीं, सपा के पूर्व मंत्री रामस्वरूप सिंह गौर को रूरा स्थित उनके घर में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया है।
वहीं, एसएसपी कानपुर अखिलेश मीणा ने भी सचेंडी के चौकी इंचार्ज और बीट सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। दोनों जिलों में दो आबकारी इंस्पेक्टर समेत पांच कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। दोनों स्थानों पर कुल 7 मुकदमे कायम किए गए हैं और 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कानपुर देहात के एसपी का कहना है कि रूरा कस्बे में शराब के अवैध कारोबार की पुलिस को जानकारी न होना गंभीर लापरवाही है। इसकी जांच कराई जा रही है। रूरा कस्बे से ही जहरीली शराब की आपूर्ति हुई थी। इस मामले में पुलिस ने सपा सरकार में मंत्री रहे राम स्वरूप सिंह गौर की गौशाला में छापा मारकर नकली शराब, केमिकल व ढक्कन बरामद किए थे। यह गोशाला रूरा थाने से तीन सौ मीटर की दूरी पर है।
दो और की मौत, मरने वालों की संख्या 15 हुई
कानपुर देहात। जहरीली शराब पीने से रूरा के मड़ौली गांव के महेश कठेरिया की औरैया के निजी अस्पताल में मौत हो गई। इससे मृतकों की संख्या 15 हो गई है।
ये हुए निलंबित
कानपुर देहात : रूरा पुलिस चौकी इंचार्ज राजीव कुमार, सब इंस्पेक्टर उमेश चंद्र, धर्मेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल शिवराम, कांस्टेबल सतीश कुमार, निर्मल कुमार व ओमवीर।
आबकारी निरीक्षक नंद कुमार मिश्रा, हेड कांस्टेबल अनिल दोहरे, कांस्टेबल नीलेश कुमार।
कानपुर : सचेंडी रैकेपुर पुलिस चौकी के पूर्व इंचार्ज हरिशंकर पांडेय, दो बीट सिपाही पवन व अंकित।
आबकारी निरीक्षक मनीष कुमार, हेड कांस्टेबल राम प्रकाश दीक्षित (दोनों को घटना के तुरंत बाद ही निलंबित कर दिया गया था।)
पूरी तैयारी के बाद ही गिरफ्तार करना चाहती है पुलिस
जहरीली शराब से मौतों के मामले में आरोपी सपा के पूर्व मंत्री रामस्वरूप सिंह गौर को रूरा स्थित उनके घर में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। पुलिस के एक बड़े अफसर ने कहा कि पूर्व मंत्री की उम्र 82 साल है, ऐसे में पुलिस पूरी छानबीन के बाद ही उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है।
इस बीच, पूर्व मंत्री के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। रूरा थाने में पहली एफआईआर में उनके अलावा छह नामजद किए गए थे, जबकि दूसरी रिपोर्ट में उनके साथ आठ लोग नामजद हैं।
उल्लेखनीय है कि रामस्वरूप के कानपुर देहात के रूरा कस्बा स्थित उनके घर के पीछे बनी गोशाला में अवैध शराब का स्टॉक और धंधेबाजी से जुड़ा सामान मिलने के बाद पुलिस ने गैर इरादतन हत्या, खाद्य पदार्थ में अपमिश्रण , मिलावटी पेय पदार्थ बेचना, अपराध करने के उद्देश्य से जहर देना और आबकारी अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किए हैं।