गालीगलौज के खिलाफ उत्तराखण्डी समाज ने ऋषिकेश में राज्य सरकार के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन
ऋषिकेश। उत्तराखण्डी समाज ने गालीगलौज के यूसीसी के खिलाफ आज उत्तराखण्डी समाज के सैकड़ों लोगों ने कोयलघाटी में आमसभा के बाद नगरनिगम तक विशाल प्रदर्शन निकाला। राज्य सरकार की नीतियों एवं समान नागरिक कानून के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस अवसर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, मुख्यमंत्री तथा राज्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन प्रेषित किया।
प्रमुख लोगों में प्रमिला रावत, मेजर सन्तोष भण्डारी, दिनेश चन्द्र मास्टर, अनन्त आकाश, पुरूषोत्तम बडोनी, सुरेन्द्र नेगी पार्षद, मनोज ध्यानी, जब्बर सिंह पावेल,महेन्द्र सिंह, सुभागा फर्सवाण ,हरीश कुमार आदि प्रमुख थे। प्रदर्शन के माध्यम से उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि ऋषिकेश में भाजपा नगर प्रमुख प्रत्याशी की निकाय चुनाव प्रचार रैली के दौरान गढ़वाली समाज को मां-बहनों के लिए अश्लील गाली गलौज की गई जिससे पर्वतीय समाज क्षुब्ध है।
उत्तराखण्ड राज्य बड़े त्याग तपस्या व बलिदान के पश्चात प्राप्त किया है। हमारी सभ्यता, संस्कृति व अतिथि देवो भव की मिसाल देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में दी जाती है। हमारे समाज में महिला बहुत ही आदरणीय व पूजनीय होती है। परंतु 24 जनवरी को भाजपा प्रत्याशी की निकाय चुनाव रैली के दौरान जिस तरह से एक अल्पसंख्यक समुदाय के युवा द्वारा गढ़वाली समाज को मां बहन की गालियां दी गई और बाकायदा उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वाइरल किया गया वह कोई सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि सोच-समझकर षडयंत्र के तहत सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने व मतदान को प्रभावित करने के मकसद से करवाया गया कृत्य प्रतीत होता है।
इस घटना से पूरे गढ़वाली समाज ही नहीं जौनसार, कुमाऊं व समस्त मैदानी क्षेत्र के लोगों में भी आक्रोश है, क्योंकि इस शांत प्रदेश में अशांति व वैमनस्य की भावना को कोई भी स्वीकार नहीं करता। आज गढ़वाली समाज को गाली दी गई कल अन्य समाज के लोगों को भी दी जा सकती है।
ऐसी हरकत कोई तब तक नहीं कर सकता है जब तक किसी शक्तिशाली व्यक्ति की शह न हो। हमें शंका है कि जरूर इसके पीछे किसी बड़े राजनेता, मंत्री अथवा षड्यंत्रकारी का हाथ है जिसकी गंभीर जांच आवश्यक है। हमारे संज्ञान में आया है कि पुलिस ने गढ़वाली समाज को गाली देने के आरोप में अफजल अली नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसे पुलिस नाबालिग बता रही है। वीडियो देखने से उसकी दाढ़ी मूंछ देख कर नहीं लगता कि वह नाबालिग है।
मुख्य न्यायाधीश से मांग की गई गाली गलौज करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो। तथा उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाय जिससे उसकी नाबालिग या बालिग होने की पुष्टि हो। यह घटना मेयर चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी की रैली में जान बूझकर अंजाम दी गई है इसलिए भाजपा प्रत्याशी जीत को निरस्त किया जाय। उत्तराखण्ड में पासवान जाति अनुसूचित जातियों की अधिसूचित जातियों में सम्मिलित नहीं है। शम्भू पासवान का निर्वाचन निरस्त कर उस पर नियमानुसार आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाय।
शम्भू पासवान का नामांकन स्वीकार करने वाले रिटर्निंग ऑफिसर को निलंबित किया जाय तथा उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। इस प्रकरण की गहनता से जांच की जाय कि इसमें किस राजनेता अथवा मंत्री का हाथ है और ऐसे षड्यंत्रकारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।