September 22, 2024

सहारनपुर में जहरीली शराब का कहर: अब तक 61 की मौत

सहारनपुर, । गांव-गांव धधक रहीं देशी शराब की भट्टियों ने कल सहारनपुर में अपना रंग दिखाया है। जहरीली शराब कांड में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है।  सुबह 11 बजे तक मृतक संख्या 52 तक पहुंच गई है। कई की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

पोस्टमार्टम के बाद शव जैसे ही गांव पहुंच रहे हैं घरों में कोहराम मच रहा है। जहरीली शराब कांड को 24 घंटे से अधिक बीत चुके है। मृतकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 11 बजे तक यह आंकड़ा 52 तक पहुंच गई और बढ़ने के आसार बने हुए हैं। अस्पतालों में पीड़ित लोगों के भर्ती होने की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।  डीएम आलोक पांडेय व एसएसपी दिनेश कुमार पी अस्पताल में ही जमे है।

उधर, मृतकों के अंतिम संस्कार शुरू कर दिए गए हैं। गांव सलेमपुर में पांच लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि खेड़ा मुगल में तैयारी चल रही है। यहां श्मशान घाट की जगह पर अवैध कब्जे को लेकर लोगों में आपस में कहासुनी भी हुई, लेकिन एसडीएम ने पहुंच कर मामला शांत कराया। दर्जनभर गांवों में मातम पसरा हुआ है। गांव शरबतपुर में पांचों लोगों का शुक्रवार देर रात अंतिम संस्कार कर दिया गया। इतनी बढ़ी घटना होने के बावजूद सरकार का कोई नुमाइंदा मौके पर या अस्पताल नहीं पहुंचा है। लोगों में इस बात को लकर रोष व्याप्त है। जिला प्रशासन ने अब तक 46 लोगों की मौत की पुष्टि तो की है लेकिन दावा किया जा रहा है कि शराब से 36 लोगों की ही मौत हुई है। एक दिन पूर्व भी जिला प्रशासन मौतों को लेकर लीपापोती में जुटा रहा था। मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। यहां 18 लोगों की मौत हो चुकी है।

मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती सहारनपुर शराब पीडि़तों में चार की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। यहां पर कुल 25 लोगों को भर्ती कराया गया था जिनमें से 13 की रात में मौत हो चुकी थी। यहां भर्ती 12 में चार की हालत नाजुक बनी हुई है। जहरीली शराब प्रकरण में अब तक कुल 52 लोगों की मौत हो चुकी है। मेरठ मेडिकल के साथ ही सहारनपुर के कई अस्पतालों में शराब पीडि़तों का इलाज चल रहा है। तेरहवीं के मृत्यु भोज में परोसी गई शराब से कल 12 गांवों के 36 लोगों की मृत्यु हो गई। इसके बाद देर रात तक इनकी संख्या बढ़ती ही गई। तड़के तक 44 लोगों की मौत हो गई थी। अभी भी एक दर्जन की हालत गंभीर बनी है। दिल दहला देने वाली इस घटना से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश का पूरा सिस्टम हिल गया। आइजी शरद सचान और मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी पहले जिला अस्पताल, इसके बाद प्रभावित गांवों में पहुंचे। मृतकों में ज्यादातर लोग दलित समाज से हैं। पुलिस ने अपनी ओर से गागलहेड़ी और नागल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।


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