महाराष्ट्र राजनीति में अंदर-अंदर चल रहा है बड़ा खेल, देर रात अमित शाह से मिले फडणवीस
महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से सियासी हलचल तेज हो गई है। खासकर एंटीलिया मामले में महाराष्ट्र पुलिस के सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद कई तरह की सियासी सुगबुगाहट जारी है। राज्य में जिस तरह से भाजपा नेताओं की सक्रियता देखी जा रही है उसने कई तरह की अटकलों को जन्म दे दिया है। वहीं शिवसेना की सहयोगी पार्टियों में भी मंथन का सिलसिला जारी है। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं ये सियासी घटनाक्रम सूबे में राजनीतिक संकट की ओर तो इशारा नहीं कर रहा है।
पीएम, शाह, नड्डा संग फडणवीस की बैठक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ,कल देर रात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। माना जा रहा है कि यह मुलाकात एंटीलिया मामले में सचिन वाजे की भूमिका और सूबे की मौजूदा सियासी स्थिति को लेकर हुई। यह मुलाकात करीब एक घण्टे तक चली। इससे पहले दोपहर में पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना की नेतृत्व वाली उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला था।
“वाजे और परमवीर सिंह तो बस मोहरे हैं, इसमें सत्ता पर काबिज वरिष्ठ लोग शामिल हैं।’’
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को दावा किया था कि जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तब वर्ष 2018 में शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बहाल करने के लिए कहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना ने इस मुद्दे पर उनपर दबाव बनाया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बनाने के बाद वाजे को बहाल किया लेकिन उसके खिलाफ गंभीर आरोप थे।’’ फडणवीस ने यह भी कहा, ‘‘वाजे और (मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त) परमवीर सिंह तो खेल के बस मोहरे हैं। इसमें सत्ता पर काबिज वरिष्ठ लोग शामिल हैं।’’
भाजपा नेता ने कहा कि कनिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद वाजे को अपराध खुफिया शाखा विभाग में अहम पद दिया गया। न्यायाधिकार क्षेत्र के मामले को परे रखकर अहम मामलों की जांच वाजे को दी गई। उन्होंने कहा कि वाजे सहायक पुलिस निरीक्षक है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को जानकारी देने के समय उसको देखा जा सकता था। फडणवीस ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि वाजे के पास कोई संवेदनशील जानकारी है जिसकी वजह से मंत्री भी दबाव में हैं।’’ भाजपा नेता ने कहा कि अंबानी के घर के बार विस्फोटक युक्त वाहन का मिलना और कारोबारी मनसुख हिरन की मौत, दोनों चीज आपस में जुड़ी हैं।
‘दो मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा’
भाजपा नेताओं द्वारा जहां उद्धव सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं कई तरह के दावे भी किये जा रहे हैं। भाजपा के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि मनसुख हिरेन की मृत्यु और पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के मामले में राज्य के दो मंत्री जल्द इस्तीफा दे सकते हैं। पाटिल ने पिछले दिनों यहां संवाददाताओं से कहा कि मनसुख हिरेन की मृत्यु और पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और राज्य के दो मंत्री अपनी संलिप्तता के कारण जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं।
शरद पवार सक्रिय, ठाकरे से की मुलाकात
एंटीलिया मामले में सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार मुश्किलों में घिर गई है। इस मामले को लेकर गठबंधन भी तनाव में आ चुका है। पिछले दिनों एनसीपी के मुखिया शरद पवार और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच वर्षा बंगले पर हुई एक घंटे लंबी बैठक इस बात की तस्दीक करती है। हालांकि इस बैठक के बारे में आधिकारिक रूप से कोई बयान सामने नहीं आया है। फिलहाल, सरकार और शिवसेना की छवि बचाने की बड़ी चुनौती है। इसलिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार एक फिर सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने डैमेज कंट्रोल का प्रयास शुरू कर दिया है।
इसके अलावा पवार पिछले दिनों देश में थर्ड फ्रंट की वकालत करते हुए भी दिखे। उन्होंने बताया कि इसे लेकर सीताराम येचुरी से बातचीत चल रही है। पवार के इस रुख से कई तरह के सियासी संकेत मिलते हैं।