राम मंदिर की भूमि खरीदने में घोटाले के आरोप- ‘मिनटों में जमीन 2 करोड़ से 18.5 करोड़ की हो गई’
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के बीच एक बार फिर राम मंदिर चर्चा में है। दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर दो विपक्षी नेताओं ने रविवार को आरोप लगाए हैं कि ट्रस्ट ने राम मंदिर परिसर के लिए 2 करोड़ रुपये की जमीन 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी की है।
यह आरोप विपक्षी नेता आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और समाजवादी सरकार के पूर्व मंत्री पवन पांडे द्वारा लगाए गए थे। वहीं चंपत राय ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है।
सिंह और पांडे दोनों ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया है। वह मंदिर परिसर के लिए जमीन की खरीद की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग कर रहे हैं।
ट्रस्ट ने कहा “वहाँ ज़मीन महँगी है”
झूठ पकड़ा गया ज़मीन की मालियत 5 करोड़ 80 लाख है ये ज़मीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को 2 करोड़ में मिल जाती है तो 5 मी. बाद ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में क्यों मिली?
क्या 5.50 लाख रु प्रति सेकेंड ज़मीन महँगी हो सकती है? #RamMandirScam pic.twitter.com/iDWsd7MC0H— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 13, 2021
संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए ट्विट किया था कि ट्रस्ट ने कहा “वहाँ ज़मीन महँगी है”
झूठ पकड़ा गया ज़मीन की मालियत 5 करोड़ 80 लाख है ये ज़मीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को 2 करोड़ में मिल जाती है तो 5 मी. बाद ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में क्यों मिली? क्या 5.50 लाख रु प्रति सेकेंड ज़मीन महँगी हो सकती है?
राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित लोग ज़मीन ख़रीद के सम्बंध में समाज को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहें हैं। pic.twitter.com/jfENrubyOp
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) June 13, 2021
जमीन खरीद को लेकर लगाए गए आरोपों पर ट्रस्ट ने सफाई दी है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय ने आधिकारिका पत्र जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है।
उन्होंने कहा है कि वास्तु के अनुसार सुधार के लिए मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रा को सुलभ बनाने और मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए कुछ छोटे-बड़े मंदिर और गृहस्थों के मकान खरीदने जरूरी हैं। जिनसे मकान खरीदा जाएगा, उन्हें पुनर्वास के लिए जमीनें दी जाएंगी। इस काम के लिए भूमि की खरीददारी की जा रही है।
उन्होंने आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी जमीनें खरीदी हैं, वह खुले बाजार की कीमत से बहुत कम हैं। लोग राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर भ्रम फैला रहे हैं।
बता दें कि अगले साल 2022 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव में अयोध्या का मामला हमेशा बड़ा मसला बना है। ऐसे में विपक्षी दल के यह आरोप चुनावों को नया मोड़ दे सकते हैं।