पाकिस्तान को सबकी ‘ना’, भारत को ADB की ‘हां’, मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को मिलेंगे 25 अरब डॉलर
दुनियाभर में हाथ फैलाकर पैसा मांग रहे पाकिस्तान की बदहाली किसी से छिपी नहीं है, लेकिन उसे हर जगह से मुंह की ही खानी पड़ी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी कड़ी शर्तों के साथ पाकिस्तान को पैसा दिया है. इस बीच एशियाई विकास बैंक ने भारत को लेकर एक बार फिर अपना भरोसा जताया है और पीएम मोदी के एक ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए 25 अरब डॉलर देने की बात कही है.
PM Gatishakti को जाएगा पैसा
एडीबी का कहना है कि वह ये पैसा PM Gatishakti Initiative, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक विकास के लिए देगी. गौरतलब है कि पीएम गतिशक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है. सरकार की गतिशक्ति पहल में पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को एक सूत्र में पिरोने का काम किया गया है.
पीएम गतिशक्ति पहल के तहत सरकार देश में लॉजिस्टिक की तमाम बाधाओं को दूर करने की कोशिश कर रही है. इसमें सड़क, पोर्ट, हवाई यातायात, अंतरदेशीय जलमार्ग और लॉजिस्टिक से जुड़े तमाम प्रोजेक्ट्स को समायोजित किया गया है.
एडीबी ने एक बयान में कहा कि भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं के लिए वह अपना समर्थन जारी रखेगा. इसमें पीएम गतिशक्ति पहल भी शामिल है. साथ भविष्य के शहरों के निर्माण और पिछड़े जिलों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए भी मदद देगा.
वित्त मंत्री के बजट की तारीफ
इसी के साथ एडीबी के प्रेसिडेंट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सरकार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देने और ग्रीन ग्रोथ पर फोकस करने की बात को भी रेखांकित किया.
बयान के मुताबिक इस दौरान एडीबी ने कि पह अगले कुछ सालों में अपने सॉवरेन ऑपरेशंस से नियमित तौर पर 4 अरब डॉलर वार्षिक धन उपलब्ध कराने को लेकर प्रयास कर रहा है.
भारत में 1986 से है ADB
एडीबी भारत में साल 1986 से काम कर रहा है. 31 दिसंबर 2022 तक एडीबी देश को 52.28 अरब डॉलर की सॉवरेन लेंडिंग देने की प्रतिबद्धता जता चुका है, जबकि 6.75 अरब डॉलर की नॉन-सॉवरेन लेंडिंग या निवेश पर हामी भर चुका है.
देश में अभी 16 अरब डॉलर की करीब 64 परियोजनाएं चल रही हैं, जो एडीबी के पोर्टफोलियो का हिस्सा हैं. इसमें ट्रांसपोर्ट, अर्बन, ऊर्जा, मानव विकास और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी हैं.