September 24, 2024

‘4 महीने जेल में रखा, हमारे बाल काट दिए’, शरणार्थियों ने बयां किया तालिबान से मिला दर्द

तालिबान ने मुझे चार महीने तक जेल में रखा था. अफगानिस्तान में स्थिति बहुत नाजुक है. तालिबान ने हमें धोखा दिया, उन्होंने जेल में हमारे बाल काट दिए. मैं भारत लौटने के लिए आभारी और खुश हूं…. पूरी दुनिया घूमकर आ जाइये मगर अपने देश की मिट्टी सोना लगती है. अफगानिस्तान से भारत लौटे बलजीत सिंह के चेहरे में खुशी के आंसू साफ देखे जा सकते थे. महीनों तालिबान में कट्टरपंथी सरकार ने इन लोगों पर जुल्म किया. अफगानिस्तान से सिख अल्पसंख्यकों को लेकर एक विमान रविवार को भारत पहुंचा.

भारत पहुंचने के बाद उन्होंने तालिबान सरकार की हकीकत बयां की. उन्होंने बताया कि कैसे तालिबान सरकार लोगों को प्रताड़ित करती है. तालिबान के नेतृत्व वाले राष्ट्र में संकटग्रस्त अल्पसंख्यकों को निकालने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. रविवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाली एक विशेष उड़ान में पचास अफगान सिख पहुंचे. इन अफगान अल्पसंख्यकों को निकालने के लिए भारतीय विश्व मंच और केंद्र के समन्वय में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर द्वारा उड़ान का आयोजन किया गया था.

केंद्र सरकार का किया धन्यवाद

भारत पहुंचे एक शरणार्थी ने तत्काल ई-वीजा प्रदान करने और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया. सुखबीर सिंह खालसा ने कहा कि हम भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उसने हमें तत्काल वीजा दिया और हमें भारत पहुंचने में मदद की. हम में से कई के परिवार अभी भी पीछे छूट गए हैं क्योंकि अफगानिस्तान में लगभग 30-35 लोग फंसे हुए हैं. इससे पहले 14 जुलाई को सबसे बड़ी निजी अफगान एयरलाइंस से एक शिशु सहित कुल 21 अफगान सिखों को काबुल से नई दिल्ली लाया गया था.

तालिबान में सिखों को बनाया गया निशाना

2020 में लगभग 700 हिंदुओं और सिखों के अफगानिस्तान में होने की सूचना मिली थी. इनमें से बड़ी संख्या में 15 अगस्त, 2021 को तालिबान के अधिग्रहण के बाद देश छोड़ दिया था. अफगानिस्तान में जब से तालिबान का कब्जा हुआ तभी से वहां पर सिखों पर हमले होना शुरू हो गए. 8 जून को इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने काबुल में कर्ता परवन गुरुद्वारे पर हमला किया, जिसमें लगभग 50 लोगों की जान चली गई.

रविवार शाम दिल्ली पहुंचा जत्था

अफगानिस्तान से दो शिशुओं समेत 55 सिखों एवं हिंदू शरणार्थियों का आखिरी जत्था रविवार की शाम को दिल्ली पहुंचा. आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने जत्थे के आगमन के बारे में बताया कि 55 सिखों एवं हिंदुओं का आखिरी जत्था दिल्ली पहुंच गया है. साहनी ने ट्वीट किया, भगवान की कृपा से 55 सिखों एवं हिंदुओं का आखिरी जत्था अफगानिस्तान से सुरक्षित नयी दिल्ली पहुंच गया। विदेश मंत्रालय को धन्यवाद जिसने ई-वीजा जारी कर उन्हें वहां से लाने में मदद की। एसजीपीसी को भी धन्यवाद। हम लोग मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम के तहत उनका पुनर्वास करेंगे.

वर्तमान में 43 हिंदू और सिख अफगानिस्तान

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 43 हिंदू और सिख अफगानिस्तान में रह रहे हैं और नौ ई-वीजा आवेदन अभी भी केंद्र के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने इससे पहले शरणार्थियों के इस अंतिम जत्थे का ई-वीजा मंजूर किया था. राज्यसभा सदस्य साहनी ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि इन सभी को लाने के लिए अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने एक विशेष विमान की व्यवस्था की. सन फाउंडेशन और वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष साहनी ने पूर्व में कहा था, हम वहां फंसे इस आखिरी जत्थे को निकालने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं.


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