September 22, 2024

बजट 2022:किसानों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध करवाने पर जोर देगी सरकार, कृषि क्षेत्र को कैसे मिलेगा लाभ

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 को पेश करते हुए कहा है कि इस साल किसानों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध करवाने पर जोर होगा. यानी डिलिटल कृषि पर फोकस होगा. किसानों को डिजिटल और हाईटेक सुविधाओं को प्रदान करने के लिए सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी पर काम करेगी. इसके लिए निजी एग्रीटेक प्लेयर से मदद लेगी. कृषि फसलों का आकलन करने एवं कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन को बढ़ावा दिया जाएगा. खेती में डिजिटल इंटेलिजेंस को बढ़ाकर कृषि क्षेत्र और किसानों को आगे बढ़ाने की कोशिश होगी. दिसंबर 2021 में ही कृषि क्षेत्र में ड्रोन एप्लिकेशन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई थी.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय हर किसान की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान बनाने पर कुछ निजी कंपनियों के साथ काम कर रहा है. जिसमें किसानों का व्यक्तिगत विवरण, उनके द्वारा खेती की जाने वाली भूमि की जानकारी, प्रोडक्शन अनुमान और कृषि स्कीमों के लाभ आदि की जानकारी होगी. पीएम किसान स्कीम के जरिए सरकार के पास 11 करोड़ किसानों का डाटा एकत्र हो चुका है. जिसमें उनकी खेती योग्य जमीन, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर शामिल हैं. इससे लैंड रिकॉर्ड को इंटीग्रेट करके डाटाबेस तैयार होने से किसानों के लिए योजनाओं का लाभ लेना आसान हो जाएगा.

लैंड रिकॉर्ड और किसानों का डाटा

केंद्र सरकार पीएम किसान योजना के तहत इकट्ठा की गई किसानों की डिटेल और रेवेन्यू रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन के आधार पर किसानों का एक डेटाबेस तैयार करने में जुटी हुई है. देश में 6,55,959 गांव हैं. जिसमें से लगभग 6 लाख गांवों के रेवेन्यू रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन हो चुका है. भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस से किसानों की डिटेल को लिंक करके सरकार एक ऐसा डेटाबेस बना रही है जिससे कि उन्हें बार-बार वेरिफिकेशन की जरूरत न हो. बताया गया है कि 5.5 करोड़ किसानों का डेटाबेस बनाया है. इसे जल्दी ही 8 करोड़ कर दिया जाएगा. इससे, केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का आम किसानों को लाभ लेना आसान हो जाएगा.

क्या है दावा

केंद्रीय कृषि मंत्रालय का दावा है कि डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से किसानों का जीवन आसान होगा. उन्हें फसल बेचना, उसका पैसा लेना आसान हो जाएगा. योजनाओं की पहुंच आसानी से होगी. केंद्र व राज्य सरकारों तथा कृषि क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों को एडवांस प्लानिंग करना आसान होगा. खेती को टेक्नोलॉजी से जोड़ने पर उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी. कामकाज में पारदर्शिता आएगी.

कैसे मिला लाभ, उदाहरण से समझिए

पीएम-किसान का डाटा किसान क्रेडिट कार्ड के डाटा से लिंक किया गया है. ऐसा करने से किसानों को क्रेडिट कार्ड बनवाना आसान हो गया है. इसी का नतीजा है कि कोविड-काल में 2.5 करोड़ से अधिक किसानों को बैंकों से केसीसी का लाभ मिला है.


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