क्या कृषि कानून पर नया बिल लेकर आएगी केन्द्र सरकार? कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया ये जवाब
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के कृषि कानूनों के बयान पर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है. जिसके बाद कृषि मंत्री तोमर ने अपने बयान को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा अच्छे कानून लाए थे, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से रद्द करना पड़ा. भारत सरकार किसानों के फायदे के लिए काम करेगी. मैंने यह नहीं कहा कि हम फिर से कानून लाएंगे.’
दरअसल शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में तोमर ने कहा था, ‘हम कृषि सुधार बिल लेकर आए थे लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया. वह 70 सालों की आजादी के बाद एक बड़ा रिफॉर्म था जो नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था. लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं. आगे से बढ़ेंगे, क्योंकि हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान की बैकबोन है. अगर बैकबोन मजबूत होगी तो निश्चित रूप से देश मजबूत होगा.’
#WATCH | "I never said that," said Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on his reported remarks alluding that Govt will again bring farm laws (25.12) pic.twitter.com/kHNt9xrYXF
— ANI (@ANI) December 26, 2021
‘देश का किसान फिर सत्याग्रह करेगा’
तोमर के बयान को आधार बनाकर कांग्रेस ने सरकार पर ‘‘पूंजीपतियों के दबाव’’ में दोबारा ‘‘काले कानूनों’’ का वापस लाने की ‘‘साजिश’’ रचने का आरोप लगाते हुए इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण की मांग की. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तोमर के बयान को पीएम मोदी की ‘‘माफी का अपमान’’ करार दिया और कहा कि सरकार ने इन विवादास्पद कानूनों पर यदि फिर से अपने कदम आगे बढ़ाए तो देश का किसान फिर सत्याग्रह करेगा. पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हराएंगे!
कृषि कानून वापस लाने की ‘‘ठोस साजिश’’ का पर्दाफाश-रणदीप सुरजेवाला
वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तोमर के बयान से तीन ‘किसान विरोधी’ कृषि कानून वापस लाने की ‘‘ठोस साजिश’’ का पर्दाफाश हो गया है. उन्होंने कहा, ‘कृषि मंत्री के बयान से मोदी सरकार का किसान विरोधी षडयंत्र और चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है. यह साफ है कि मोदी सरकार पांच राज्यों के चुनाव के बाद एक बार फिर किसान विरोधी तीनों काले कानून नई शक्ल में लाने की साजिश कर रही है और वह ऐसा पूंजीपति मित्रों के दबाव में कर रही है.’
पीएम मोदी ने किया था कानून वापसी का ऐलान
गौरतलब है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर सरकार के कदम वापस खींच लिये थे और देश से ‘‘क्षमा’’ मांगते हुए इन्हें निरस्त करने की घोषणा की थी. इसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन एक विधेयक लाकर इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया था. इस विधेयक के पारित होने के बाद किसानों ने सशर्त अपना आंदोलन वापस ले लिया था.