गजब खेलाः शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अयोग्य एजेंसी पर मेहरबान
देहरादून। उत्तराखंड के स्कूली शिक्षा विभाग में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मामला बड़े भ्रष्टाचार से जुड़ा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक महावीर सिंह बिष्ट की भूमिका पर सवाल खड़े हैं। ये सवाल विभाग के सचिव, महानिदेशक और मंत्री तक भी पूछे जा रहे हैं। उत्तराखण्ड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि एक बड़ी साजिश के तहत उत्तराखण्ड के युवाओं के भविष्य को बाहरी एजेंसियों के हाथों बेचा जा रहा है। जिसे उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
बॉबी पंवार ने कहा कि आखिर क्यों जिम्मेदार पदों पर बैठे अफसर-मंत्री, माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर बिष्ट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट द्वारा शिक्षा निदेशक पर लगी फटकार के बाद भी उन्हें पद पर बैठाये हुए हैं।
बॉबी पंवार ने कहा महावीर बिष्ट पर अपर निदेशक रहते हुए भ्रष्टाचार के 3-4 आरोप सिद्ध होने के बाद तथा शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को अवगत कराने के बाद भी उन्हें माध्यमिक शिक्षा का निदेशक बनाकर प्रोन्नत किया गया।
बॉबी पंवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा शिक्षा विभाग के कुछ आलाधिकारी “वसूली एजेंट” के रूप में कार्य कर रहे हैं। बीआरपी एवं सीआरपी के 955 पदों को भरने के लिए एक बाहरी कंपनी को बुलाकर यहां के पढ़े लिखे युवाओं के भविष्य को बेचा जा रहा है।
शिक्षा विभाग ने बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों को भरने के लिए जिस बाहरी कंपनी का का चयन किया है, वह मानक भी पूरे नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हैरान करते वाली बात तो ये है कि जिस स्थानीय कम्पनी ने शर्ते पूरी की है उसे शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। और ऐसी आउटसोर्स कम्पनी को बीआरपी-सीआरपी के पदों को भरने की जिम्मेदारी दे दी गई जो शिक्षा विभाग के मानकों को ही पूरा नहीं करती है।
जब इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाया गया तो हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी चयन को गलत करार दिया। लेकिन कोर्ट के फैसले को भी दरकिनार कर विभाग में बैठे जिम्मेदारों ने बीआरपी एवं सीआरपी के 955 पदों को भरने की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।
बॉबी पंवार ने कहा कि जो कंपनी स्वयं मानक पूरे नहीं कर रही है वह पढ़े लिखे युवाओं से कई तरह के प्रमाणपत्र मांग रही है। बॉबी पंवार ने प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों को सुधर जाने की भी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्ट अधिकारी अपने पुराने ढर्रे पर ही चलते रहे तो अभी तक जो लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से ही लड़ी जा रही थी उसमे परिवर्तन करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को उन्ही की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
बॉबी पंवार ने आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों का विरोध किया और कहा कि यदि कामचलाउ व्यवस्था के तहत मजबूरन नियुक्तियां की जा रही हैं तो ऐसी व्यवस्था को पूर्णतः पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
इस मौके पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल, सह संयोजक सुशील कैंतूरा, संरक्षक यशपाल रावत, जसपाल चौहान इत्यादि मौजूद रहे।