पीएम मोदी विश्व के एकमात्र नेता जिन्होंने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ की मुखालफ़त की :अमेरिकी विशेषज्ञ
वॉशिंगटन । अमेरिका के जाने-माने थिंक-टैंक हडसन इंस्टीट्यूट के सेंटर ऑन चाइनीज स्ट्रैटिजी के निदेशक माइकल पिल्सबरी ने अमेरिकी सांसदों के सामने बोलते हुए कहा कि मोदी और उनकी टीम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ मुखर तरीके से विरोध किया है।
पिल्सबरी ने कहा, ‘विश्व में अभी तक कोई वैश्विक नेता इसके खिलाफ खड़ा हुआ है तो वह हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। कुछ हद तक ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीन की यह परियोजना चीन भारतीय संप्रभुता के दायरे का भी उल्लंघन करती है।’ उन्होंने इस मामले पर अभी तक अमेरिकी सरकार की चुप्पी पर भी निशाना साधा। पिल्सबरी ने कहा, ‘बेल्ट एंड रोड परियोजना की शुरुआत के 5 साल हो चुके हैं। शुरुआती समय को छोड़ दिया जाए तो अमेरिकी सरकार इस पर लगभग खामोश ही रही है।’
क्या है बेल्ट एंड रोड परियोजना
प्राचीन सिल्क रोड को फिर से अस्तित्व में लाने की परियोजना के तहत चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बेल्ट एंड रोड (बीआरआइ) की शुरुआत की है। इसके जरिये दक्षिण एशियाई देशों के अलावा यूरोप को जोड़ने की चीन की योजना है। बेल्ट एंड रोड का अहम हिस्सा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपैक) में है। 3,000 किलोमीटर लंबी यह परियोजनाचीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगी। यह जम्मू-कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान से होकर गुजरेगी जिसे भारत अपना हिस्सा मानता है और इस पर फिलहाल पाकिस्तानी कब्जा है।इस इलाके में चीन की मौजूदगी को भारत अपनी संप्रभुता में दखल के तौर पर देख रहा है। यही वजह है कि भारत इस परियोजना से दूरी बना रहा है।