विश्लेषण: यूपी में बसपा के वोट सपा को नहीं मिले, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
बसपा का दावा है कि लोकसभा चुनावों में उसे सपा के मत नहीं मिले लेकिन चुनाव आयोग के अंतरिम आंकड़े बताते हैं कि बसपा को सपा के मत मिले हैं। अलबत्ता सपा को बसपा के वोट पूरी तरह नहीं मिले।
यूपी में बसपा-सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन अपेक्षित नतीजे नहीं मिलने के बाद गठबंधन टूटने की कगार पर है। 2014 में बसपा ने 80 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 19.77% वोट मिले थे। इस बार उसने सपा के साथ गठबंधन में 36 सीटों पर चुनाव लड़ा तो भी 19.36% वोट मिले। सिर्फ 36 सीटों पर लड़ने के बावजूद बसपा को पिछले चुनाव के बराबर वोट मिले। इससे साबित होता है कि उसे सपा के मत स्थानांतरित हुए हैं।
वहीं, सपा को पिछले चुनाव में 22.35% वोट मिले थे लेकिन इस बार यह 18% के करीब रहे। पिछली बार वह 80 सीटों पर लड़ी थी लेकिन इस बार 36 सीटों पर लड़ी। साफ है कि सपा को बसपा के वोट थोड़े स्थानांतरित हुए वर्ना उसके मतों का प्रतिशत और कम हो जाता।
बता दें कि भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीती थीं। इसके अलावा बसपा ने 10, सपा ने पांच, अपना दल-सोनेलाल ने दो और कांग्रेस ने एक सीट जीती है। वहीं, नतीजों के कुछ दिन बाद सपा-बसपा गठबंधन को लेकर मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया था। मायावती ने सपा से गठबंधन के बारे कहा था कि हमारे अखिलेश और डिंपल से रिश्ते बने रहेंगे। मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में यादव वोट बसपा को शिफ्ट नहीं हुए। मायावती ने कहा कि अभी वर्तमान स्थिति में हम उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव अकेले लड़ेंगे।
सपा बसपा गठबंधन पर मायावती ने कहा कि यह कोई हमेशा के लिए ब्रेक नहीं है। अगर हमें लगा कि भविष्य में सपा अध्यक्ष अपने राजनैतिक काम में सफल होते हैं तो फिर हम फिर से साथ मिलकर काम करेंगे। लेकिन अगर नहीं होते हैं तो फिर हमारा अकेले ही काम करना बेहतर होगा। ऐसे में हमने तय किया है कि हम उपचुनाव अकेले लड़ेंगे।