….और सदन में गूंजा अंकिता भण्डारी और विधानसभा भर्ती घोटाला
देहरादून। गैरसैण विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री विपक्ष के तीखे सवालों पर मौन साधे रहे। संसदीय कार्यमंत्री विपक्ष के सवालों से सत्तापक्ष का बचाव करते रहे। अंकिता हत्याकाण्ड और भर्ती घोटाले समेत तमाम मामलों पर विपक्ष सत्तापक्ष पर हमलावर रहा। विपक्षी विधायक ‘अंकिता भण्डारी के हत्यारों को न्याय दो’ के नारें सदन में लगाते रहे। जिससे कई बार सदन की कार्यवाही पर व्यवधान हुआ। विधानसभा अध्यक्षा को सदन की कार्रवाई चलाने में पसीने आ गये। दरअसल ये सारा नजारा मंगलवार को गैरसैण में हुए प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र में दिखाई दिया।
गैरसैण में बजट सत्र आयोजित ना कराये जाने के विरोध में विपक्षी कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन ने गैरसैण में प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र का आयोजन किया। इस प्रतीकात्मक सदन में अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड, विधानसभा भर्ती घोटाला, एसएसएससी भर्ती घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला, सशक्त भू-कानून और मूल निवास, अग्निवीर योजना, पुरानी पेंशन बहाली जैसे ज्वलंत मुद्दे छाये रहे। सदन में पीसीसी अध्यक्ष करन माहरा ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई जबकि रणजीत रावत ने संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका में रहे।
प्रतीकात्मक सदन में पक्ष विपक्ष
गैरसैण में आयोजित प्रतीकात्मक विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष हेमा पुरोहित रही। नेता सदन मुख्यमंत्री प्रोफेसर जीतराम तथा संसदीय कार्य मंत्री रंजीत रावत ने की भूमिका निभाई। जबकि धीरेंद्र प्रताप, गोदावरी थापली ,महेंद्र सिंह नेगी गुरुजी आदि कैबिनेट मंत्री के भूमिका में सदन में मौजूद रहे।
विपक्ष खेमे में नेता प्रतिपक्ष, करन माहरा,, मनीष खंडूरी मुकेश नेगी जयेन्द्र चन्द्र रमोला, अभिनव थापर शीशपाल सिंह बिष्ट समर भंडारी हरेंद्र कंडारी मोहित उनियाल डीडी कुनियाल आशा लाल ललित फर्सवान, अभिनव थापर, पिया थापा, गिरीश पपने, नवनीत सती, मोहित उनियाल इंद्रेश मैखुरी, हरीश ऐठानी मदन मिश्रा, गीता रावत राहुल छिमावल विनोद रावत अवतार सिंह नेगी, सूरज नेगी, लक्षण रावत ईश्वर प्रसाद मैखुरी राजेश्वर भंडारी पुष्पा शाह भगत डसीला अन्य नेता एवं प्रदेश पदाधिकारियों के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।
गैरसैण बना राजनीतिक मुद्दा
गैरसैण में बजट सत्र ना किये जाने पर सत्ताधारी भाजपा विपक्षी दलों के निशाने पर है। गौरतलब है कि हरीश रावत सरकार में बजट सत्र गैरसैण में कराये जाने का संकल्प विधानसभा में पारित हुआ था। लेकिन मौजूदा बजट सत्र देहरादून में चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि विधायकों के अनुरोध पर ही बजट सत्र देहरादून में आयोजित करने का फैसला किया गया है। सबसे बड़ी बात ये है कि पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने ठंड का हवाला देते हुए बजट सत्र देहरादून में कराने का अनुरोध किया।
फिलहाल लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्षी दलों ने इसको एक राजनीतिक मुद्दा बना लिया है। और दूसरे तमाम मुद्दों की तरह गैरसैण के मुद्दे पर भी सरकार को कठघरें में खड़ा किया जा रहा है।