September 22, 2024

अरुणाचल प्रदेश की ये नई सुरंग बनाएगी वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्यों देश के लिए होगी बेहद खास

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को वर्चुअली अरुणाचल प्रदेश में 12 किलोमीटर लंबी सेला सुरंग के आखिरी चरण के काम की शुरुआत की. राजनाथ सिंह ने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से बटन दबाया और सुरंग में विस्फोट के साथ ही परियोजना के आखिरी चरण का काम शुरू हो गया.

सेला सुरंग का निर्माण कार्य जून 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है. यह सुरंग सेला दर्रे से होकर गुजरती है और उम्मीद है कि इस परियोजना के पूरा होने पर तवांग के जरिए चीन सीमा तक की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जाएगी. सुरंग से असम के तेजपुर और अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थित सेना के 4 कोर मुख्यालयों के बीच यात्रा के समय में कम से कम एक घंटे की कमी आयेगी. यही वजह है कि इसे रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है.

13 हजार फीट की ऊंचाई पर सुरंग

सीमा सड़क संगठन के जरिए बनाई जा रही सेला सुरंग पूरी होने पर 13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी दो लेन वाली सड़क सुरंग होगी. इसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड  का इस्तेमाल करके किया जा रहा है. यह स्नो लाइन से काफी नीचे है, जो इसे सभी मौसमों के दौरान सुलभ बनाता है.

सिर्फ सुरक्षा नहीं, पर्यटन को भी मिलेगा लाभ

सुरंग का निर्माण 01 अप्रैल, 2019 को शुरू हुआ था, जिसमें पहला विस्फोट 31 अक्टूबर, 2019 को हुआ था. COVID-19 प्रतिबंधों और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बावजूद परियोजना निर्धारित समय से तेजी से चल रही है. इसके जून-अगस्त 2022 तक खत्म होने की उम्मीद है. सुरंग तवांग की पर्यटन क्षमता में इजाफा करेगी और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगी. सुरंज के चलते यह उत्तर पूर्व क्षेत्र में एक अधिक लोकप्रिय गंतव्य बन जाएगा. इससे न केवल सुरक्षा बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान मिलने की उम्मीद है.


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