September 22, 2024

विधानसभा चुनाव 2022ः राज्य गठन के बाद बागेश्वर विस सीट पर कांग्रेस की पकड़ हुई ढीली

यूपी काल में साल 1967 में अस्तित्व में आई अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर आठ बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। पांच बार भाजपा के कब्जे में यह सीट रही है। आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया था। साल 67 में बारामण्डल अल्मोड़ा से अलग होकर बागेश्वर सीट अस्तित्व में आई थी।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 1967 में कांग्रेस के गोपाल राम दास ने विजय हासिल की। 1969 और 1974 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरस्वती टम्टा ने कब्जा जमाया। साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के पूरण चन्द्र ने विजय हासिल की।

साल 1980, 1985 और 1989 में एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस के गोपाल रामदास विजयी होकर यूपी विधान सभा पहुंचे। साल 1991 में राम लहर के बदौलत पूरण चन्द्र बागेश्वर सीट से विजयी रहे। 1993 में कांग्रेस के राम प्रसाद टम्टा ने भाजपा के कब्जे से सीट छीनी। साल 1996 नारायण राम दास भाजपा को ये सीट दिलाने में कामयाब रहे।

उत्तराखण्ड गठन के बाद साल 2002 में प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राम प्रसाद टम्टा चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचे। साल 2007 से अब तक भाजपा नेता चंदनराम दास लगातार चीन चुनाव जीत चुके हैं।

बागेश्वर में कांग्रेस की पकड़ हुई ढीली

उत्तर प्रदेश में बागेश्वर विधान सभा सीट पर कांग्रेस का खासा दबदबा रहा। लेकिन उत्तराखण्ड गठन के बाद इस सीट पर भाजपा का दबदबा दिखाई दिया। 2002 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के राम प्रसाद टम्टा विधान सभा पहुंचे थे। लेकिन तब से लेकर अब तक यहां की जनता ने भाजपा के चंदनराम दास पर भरोसा जता कर लगातार तीन बार विधान सभा भेजा है।

भाजपा हैट्रिक लगाने में रही कामयाब

बागेश्वर सुरक्षित सीट की बात करें तो 2007 से इस सीट पर भाजपा के चंदनराम दास काबिज हैं। राज्य गठन के बाद अभी तक प्रदेश में चार विधान सभा चुनाव हुए हैं। जिसमें साल 2002 दो में कांग्रेस नेता राम प्रसाद टम्टा भाजपा नेता नारायण राम दास को कुल 2,177 वोटो से शिकस्त देकर विधान सभा पहुंचे थे।
साल 2007 में प्रदेश में हुए विधान सभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने राम प्रसाद टम्ट को चुनाव मैदान में उतारा जबकि भाजपा ने चंदन राम दास को। इस चुनाव में भाजपा के चंदन राम दास रामप्रसाद को कुल 5,890 के रिकार्ड अंतर से पराजित कर राज्य विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। तब से अब तक चंदन राम दास लगातार बागेश्वर से विधायक हैं।

प्रदेश में एक बार फिर पांचवी मर्तबा विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस मंहगाई, बेरोजगारी और तमाम स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में डटी हैं। वहीं सत्ताधारी भाजपा मोदी के नाम पर एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरी है। अब बागेश्वर की जनता का इस बार किसे जनादेश देती है ये देखना दिलचस्प होगा।


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