अगस्ता वेस्टलैंड प्रकरण में हमलावर हुये सीएम रावत
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी हमलावर हो गये है। सीएम रावत ने साफ करते हुये कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड में जो बात सामने आ रही है, उससे साफ हो गया है कि किसने घोटाला किया है।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हाल में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड में जो खुलासे हुए है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस राफेल पर इतना शोर क्यो मचा रही थी। इसके कारण क्या है? अगस्ता वीआईपी हैलीकप्टर घोटाले में इटली की कोर्ट ने स्पष्ट रूप से यह खुलासा किया है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में तत्कालीन सरकार के नेता तथा कुछ अन्य लोग सम्मिलित थे। मिस्टर क्रिश्रयन मिशेल जिन्हें अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के तहत गिरफ्तार कर भारत लाया गया उन्होंने भी तमाम तरह के तथ्य कोर्ट के सामने पेश किये है। उन तथ्यों में जो कोड वर्ड इस्तमाल किये गये हैै उनसे यह साक्षात स्पष्ट हो रहा है कि यह कोड वर्ड तत्कालिन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के लिये इस्तमाल किये गये है। इसके अलावा मिशेल ने पूछताछ में ‘‘सन आॅफ इटेलियन लेडी‘‘, ‘‘आर‘‘, ‘‘बिग मैन‘‘ और ‘‘पार्टी लीडर‘‘ जैसे कोर्ड वर्ड का जिक्र किया है। यह सारे कोड वर्ड एक ही परिवार के तरफ इशारा करते हैं। सीएम रवत ने हका कि आज इनकी चोरी पकड़ी जा रही है, ये इशारा करते है कि इन्होंने देश को कैसे लूटा। कांग्रेस की बौखलाहट से अब मालूम पड़ा कि चोर इतना शोर क्यो मचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह मामला जब इटली की कोर्ट में उठा तो इटली की कोर्ट द्वारा जो दस्तावेज तत्कालीन केन्द्र सरकार से मांगे गये थे, उनको उपलब्ध कराना तो दूर सोनिया व मनमोहन की सरकार ने उन दस्तावेजों से जुड़े तथ्य भी छुपाने का प्रयास किया,लेकिन जब 2014 के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तभी से उनकी सरकार ने इस मामले में सच्चाई लाने के प्रयास करने लगी और आज यह प्रयास सफल हुआ है। जिससे 125 करोड़ रुपये का जो घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी विमान में हुआ ये सामने आया। तो इस तरह इस मामले जो एक शंका थी वह आज सच्चाई बन के हम सब के सामने आ गई है। हालांकि सीएम रावत इस बात का जवाब नहीं दे पाये कि ब्लैक लिस्टेट कंपनी को मोदी सरकार द्वारा किस आधार पर मैकिंग इंडिया का हिस्सा बनाया गया। चुकि यह बात भी सामने आयी है कि उक्त कंपनी को मोदी सरकार द्वारा मैकिंग इंडिया के तहत भारत में कारोबार करने के लिए निमंत्रण दिया गया था।