ऑडियो लीकः ऑडियो वायरल कर शिक्षा मंत्री के निजी सचिव को बदनाम करने की साजिश
देहरादूनः इन दिनों सोशल मीडिया पर कुछ ऑडियो वायरल हो रहे हैं। वायरल ऑडियो में स्कूल की मान्यता को लेकर लेन-देन की बात की जा रही है। जिसमें एक व्यक्ति स्वयं को सचिवालय के अधिकारी के तौर पर पेश कर रहा है तो दूसरी ओर से बात करने वाला व्यक्ति स्वयं को हल्दूचैड़ के किसी स्कूल का संचालक बता रहा है। दोनों की बातचीत में बार-बार शिक्षा मंत्री के निजी सचिव को टारगेट किया जा रहा है। स्वयं को सचिवालय का अधिकारी बताने वाला व्यक्ति बकायदा स्कूल की मान्यता दिलाने के लिए मोटी रकम की डिमांड कर रहा है। साथ ही यह भी धमकी दे रहा है कि अगर उसने पैसे नहीं दिये तो स्कूल की मान्यता मिलनी संभव नहीं है। इस ऑडियो लीक से इस बात की पुष्टि भी हो रही है कि यह साजिशन बनाया गया है और शिक्षा मंत्री से लेकर उनके निजी सचिव को बदनाम करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है।
वहीं वायरल ऑडियो के सच को उजागर करने के लिए ‘दस्तावेज’ ने इसकी पड़ताल की। दस्तावेज ने अपनी पड़ताल में इस वारयल ऑडियो को फेक पाया। ‘दस्तावेज’ ने पाया कि यह ऑडियो किसी ने जानबूझ कर बनाया और त्रिवेंद्र सरकार के कद्दावर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को बदनाम करने की कोशिश की गई। हालांकि इस वायरल ऑडियो में शिक्षा मंत्री को सीधे तौर बदनाम न कर उनके निजी सचिव को टारगेट किया गया। ऑडियो में बार-बार पैसों के नाम पर निजी सचिव का नाम इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि शिक्षा मंत्री को निशाने पर लाया जा सके। जबकि एनओसी मांगने वाला स्कूल संचालक की बातचीत से लग रहा है कि वह इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहा है। वह स्वयं यह भी कह रहा है कि शिक्षा मंत्री उसके क्षेत्र के विधायक हैं और उनसे उसकी सीधी मुलाकात है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर वह व्यक्ति कौन है जो सचिवालय का अधिकारी बन कर शिक्षा मंत्री की साख पर बट्टा लगाने की जुगत में लगा है।
वायरल हो रहे इन ऑडियो के सच को जानने के लिए ‘दस्तावेज’ ने शिक्षा मंत्री के निजी सचिव से भी बात की। दस्तावेज को निजी सचिव ने बताया कि उन्होंने वायरल हो रहे ऑडियो का संज्ञान लेकर सचिवालय प्रशासन को अवगत कर जांच की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि दो अज्ञात व्यक्ति किसी सजिश के तहत मेरा नाम ऑडियो में बार-बार ले रहे हैं। जिसकी निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है।