कोविड वैक्सीन की उपलब्धता कोई मुद्दा नहीं, अगले महीने मिलेंगी 22 करोड़ खुराक

covid vaccine

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कोविड वैक्सीन की उपलब्धता को दोहराते हुए राज्यों को आश्वासन दिया कि जुलाई के अंत तक लगभग 22 करोड़ डेाज उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

कोविड वैक्सीन पैनल के प्रमुख ने यह भी आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा अच्छी तरह से फैला हुआ है कि टीकाकरण अभियान पहाड़ी, आदिवासी और बहुत कम आबादी वाले क्षेत्रों सहित देश के हर कोने तक पहुंचे।

डॉ अरोड़ा ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य हर दिन कम से कम एक करोड़ लोगों को टीकाकरण करना है। हमारी क्षमता ऐसी है कि हम आसानी से हर दिन COVID-19 वैक्सीन की 1.25 करोड़ खुराक आसानी से दे पाएंगे। उन्‍होंने कहा, ”यह लक्ष्य विशेष रूप से निजी क्षेत्र के अच्छे समर्थन के मद्देनजर प्राप्त किया जा सकता है और यह पहले दिन ही साबित हुआ, जब संशोधित दिशानिर्देश लागू हुए।”

डीडी न्यूज से बात करते हुए डॉ अरोड़ा ने यह भी उल्लेख किया कि टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तैयारी की गई हैं और आशा कार्यकर्ताओं व फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं ने टीके की झिझक से लड़ने के लिए जमीनी स्तर से काम करना शुरू कर दिया है।

अतीत में भी भारत कैसे सफल रहा है, इस पर बोलते हुए डॉ. अरोड़ा ने कहा, ”यह अभूतपूर्व नहीं है। एक सप्ताह में हम लगभग 17 करोड़ बच्चों को पोलियो के टीके देते हैं। इसलिए, जब भारत कुछ करने का फैसला करता है, तो हम उसे हासिल करने में सक्षम होते हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत का COVID-19 टीकाकरण अभियान इस बात का एक प्रमुख उदाहरण बन रहा है कि कैसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक साथ मिलकर राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं का बेहतर समाधान कर सकते हैं।

एनटीएजीआई अध्यक्ष ने टीकाकरण के खिलाफ अफवाहों और भ्रांतियों से बचने के लिए लोगों की भागीदारी और जन जागरूकता के महत्व पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा, ”टीकाकरण के डर को मिटाने के लिए जनभागीदारी और जन जागरण बहुत आवश्यक है। अंतत: आगे आना और टीका लगवाना जनता के हाथ में है।”

COVISHIELD टीकों की खुराक के अंतराल पर एक प्रश्न के जवाब में अध्यक्ष ने कहा, ”इस समय अंतराल को बदलने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं होती है। हम राष्ट्रीय वैक्सीन ट्रैकिंग सिस्टम के तहत डेटा एकत्र कर रहे हैं और टीकों की प्रभावशीलता, खुराक अंतराल, क्षेत्र-वार प्रभाव, वेरिएंट के बारे में वास्तविक समय का मूल्यांकन कर रहे हैं। मूल सिद्धांत यह है कि हमारे लोगों को टीके की हर खुराक का अधिक से अधिक लाभ मिलना चाहिए। हम पाते हैं कि मौजूदा खुराक फायदेमंद साबित हो रही है।”