September 22, 2024

भाजपा सरकार क्यों कर रही है राम मंदिर ट्रस्ट बनाने में देरी ?

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए हुए तीन महीने पूरे होने में महज चंद दिन बाकी हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा नहीं की है. राम मंदिर ट्रस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई मियाद 9 फरवरी को खत्म हो रही है, जिसमें महज पांच दिन बचे हुए हैं. यही ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के तौर तरीके तय करेगा. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से अभी तक ट्रस्ट के निर्माण का ऐलान नहीं किया है. 

बता दें कि राम मंदिर के पक्ष में नौ नवंबर 2019 को आए फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में मंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट गठन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार को सौंपी थी. कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ का प्लॉट दे.

सर्वोच्च अदालत ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन के लिए तीन माह का समय भी दिया था. यह अवधि 9 फरवरी खत्म हो रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इसी हफ्ते में राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा कर सकती है. 

हालांकि केंद्र सरकार को पहले राम मंदिर ट्रस्ट के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में लाना होगा, जहां ट्रस्ट का संविधान का खाका और उसके सदस्यों की जानकारी जैसी अहम चीजें बतानी होंगी. इस ट्रस्ट में कौन-कौन सदस्य होंगे, यह कैसे काम करेगा और राम मंदिर निर्माण कैसे होगा, ये सारी बातें कैबिनेट की बैठक में ही तय होंगी. वित्तीय शक्तियां भी इसी ट्रस्ट के पास होंगी और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के खर्च की पूरी निगरानी ट्रस्ट करेगा. ऐसे में केंद्र सरकार इस ट्रस्ट के लिए संसद में बिल भी ला सकती है.

राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा के साथ मस्जिद के लिए यूपी सरकार के द्वारा चिन्हित की गई तीन जमीनों के प्लॉट का भी प्रस्ताव कैबिनेट में अप्रूवल के लिए रखा जाएगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड को तय करना होगा कि तीनों जमीनों में से किसी एक जगह को वह चुने.

राम मंदिर ट्रस्ट गठन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है. ऐसे में गृह मंत्रालय ने ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के मंदिर पर आए फैसले के बाद से सरकार वीएचपी, राम जन्मभूमि न्यास, सुन्नी वक्फ बोर्ड समेत सारे पक्षकारों से राय ले चुकी है.

हालांकि सरकार के लिए बड़ी चुनौती है कि कि वो राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष किसे बनाए, क्योंकि इस एक ‘अनार’ के लिए ‘सौ दावेदार’ बताए जा रहे हैं. इसके अलावा ट्रस्ट में सदस्य के रूप में किसे जगह दे और किसे नहीं, यह भी सरकार के लिए मुश्किल बनी हुई है. दरअसल करीब तीन दशक पुराने राम मंदिर आंदोलन से देश के कई बड़े साधु-संत जुड़े रहे हैं.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com