गढ़वाल विश्वविद्यालय में मनाई गई बाबा साहेब अम्बेडकर की 131वीं जयंती
श्रीनगर(गढ़वाल) हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के एसीएल सभागार में अधिष्ठाता छात्र कल्याण के संयोजन में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम का विधिवत उद्धघाटन बतौर मुख्य अतिथि प्रो एमएम सेमवाल, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। वहीं उप अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो आर एस पांडेय, सहायक नियंता डॉ देवेंद्र सिंह, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ० महेंद्र बाबू, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ० रमेश राणा, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ० कपिल पँवार द्वारा भी बाबा साहब को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
मुख्य वक्ता प्रो० एमएम सेमवाल ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना शपथ दिलाई और बाबा साहेब के योगदान पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए कहा कि आज हमें संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के द्वारा दिए गए अधिकार एवं कर्तव्य का पालन कर देश में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता है। डॉ महेंद्र बाबू ने डॉ अम्बेडकर के जीवन की विभिन्न घटनाओं के माध्यम से उनके संघर्ष और उपलब्धियों पर अपने उदगार व्यक्त किये।
इस मौके पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के आदर्शों एवं विचारधाराओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहब द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चल कर भारत को एक सशक्त एवं सुदृढ़ राष्ट्र बनाया जा सकता है। संसाधन का अभाव एक संयोग मात्र हो सकता है लेकिन व्यक्ति अगर चाहे तो वह अपने मकसद में अपने अथक प्रयास से कामयाब हो सकता है। इसकी आदर्श प्रतिमूर्ति डॉ भीमराव अंबेडकर हैं। जिन्होंने अनेक कठिनाईयों के बावजूद भी ना सिर्फ उच्च शिक्षा को ग्रहण किया बल्कि भारत जैसे लोकतांत्रिक गणराज्य को एक सशक्त संविधान भी दिया है।
इस मौके पर एनएसएस की छात्रा सारिका रौथाण, अनुष्का सेमल्टी, एनएसएस कैडेट्स सहवाग राणा,रश्मि भण्डारी ने अम्बेडकर के जीवन परिदृश्य पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ रमेश राणा द्वारा किया गया वहीं कार्यक्रम का समापन करते हुए उप अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो आर एस पांडेय ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों, वक्ताओं, छात्र-छात्राओं का धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में एनएसएस स्वयं सेवक, एनसीसी केडेट्स, शारीरिक शिक्षा के छात्र छात्राएं मौजूद रहे।