महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे को ठाणे में बड़ा झटका, 67 में से 66 नगर सेवक शिंदे गुट में शामिल

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शिवसेना की लड़ाई में उद्धव ठाकरे लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं. उनके साथ के अधिकतर लोग एक-एक करते एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल होते जा रहे हैं. अब ठाणे नगर निगम में शिवसेना के 67 में से 66 नगर सेवक एक साथ उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे के कैंप से जुड़ गए हैं. ये उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका है. मुंबई के अलावा ठाणे ही शिवसेना का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता था और यहां नगर निगम में शिवसेना सत्ता में भी थी. लेकिन अब नगर निगम से भी उद्धव ठाकरे को हाथ धोना पड़ा है.

इस समय ठाणे नगर निगम पर शिवसेना का कब्जा है. साल 2017 के चुनाव में शिवसेना ने 131 में से 67 सीटें जीत ली थी. बीजेपी 23 सीटों पर जीत के साथ तीसरे नंबर पर थी, तो एनसीपी ने 34 सीटें जीती थी. यहां कांग्रेस को 3, एआईएआईएम ने 2 और दो सीटों पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया था. लेकिन अब समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. इस साल ठाणे नगर निगम में चुनाव भी होना है.

एकनाथ शिंदे का गढ़ है ठाणे

बता दें कि ठाणे जिला एकनाथ शिंदे का गढ़ है. शिंदे ने अपनी राजनीति की शुरुआत भी यही से की थी. उन्होंने 1997 में ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का चुनाव जीता था. 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता भी रहे. इसके बाद 2002 में वे दूसरी बार ठाणे से निगम पार्षद बने. एकनाथ शिंदे 2004 में ठाणे विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. इसके बाद वे 2009, 2014 और 2019 में ठाणे की कोपरी पछपाखडी सीट से चुनाव जीते. और अब एक साथ सभी पार्षदों ने शिंदे गुट को जॉइन कर लिया है, जो शिंदे की पकड़ा को दिखाता है.