बडी खबर-गुस्साः विद्युत संविदा कर्मचारियों में रोष, यूपीसीएल प्रबंधन को दी आंदोलन की धमकी
देहरादूनः उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी एक बार फिर गुस्से में है। यूपीसीएल प्रबंधन की मनमानी पर सवाल उठाते हुए कर्मचारी संगठन ने आरोप लगाया कि प्रबंधन जानबूझ कर कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहा है। लगातार हो रहे उत्पीड़न के चलते संगठन को आपात बैठक बुलानी पड़ी। इस बैठक में संविदा कर्मचारियों और संगठन पदाधिकारियों ने एक स्वर में यूपीसीएल के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
उत्तराखंड पाॅवर कार्पोरेशन लिमिटेड के संविदा कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ उत्पीड़न करने के आरोप लगाये। संविदा कर्मचारी संगठन ने देहरादून स्थिति एक धर्मशाला में आपात बैठक आहूत की। जिसमें कर्मचारी नेताओं ने अपनी समस्याओं को रखा। इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री मनोज पंत ने यूपीसीएल प्रबंधन के उत्पीड़न पर आक्रोश जताते हुए कहा कि ऊर्जा सचिव के आदेशों के आड़ में प्रबंधन अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मियों को परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन द्वेष भावना से संविदा कर्मचारियों का जबरन स्थानांतरण कर रहा है।
स्थानांतरण पर उठे सवाल
यूपीसीएल प्रबंधन द्वारा संविदा कर्मचारियों के जबरन स्थानांतरण पर संगठन ने कई सवाल खड़े किये। संगठन के पदाधिकारियों ने बैठक में सवाल उठाया कि यूपीसीएल प्रबंधन ऐसे समय में स्थानांतरण क्यों कर रहा है जब प्रदेश में बरसात से आपदा की स्थिति बनी रहती है। बैठक में संगठन के महासिचव मनोज पंत ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि प्रबंधन बगैर सोचे समझे संविदा कर्मियों के स्थानांतरण कर रहा है जबकि इस समय बरसाती सीजन है और आपदा की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में सरकार फील्ड के कर्मिकों की छुट्टियों रद्द करती है लेकिन यूपीसीएल प्रबंधन है कि वह मौसम विभाग और सरकार की सभी चेतावनी को दरकिनार स्थान्तरण करने में मशगूल है।
आंदोलन को उकसा रहा है प्रबंधन: कवि
वहीं संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कवि ने यूपीसीएल की मंशा पर सवाल खड़े किये। कवि ने आरोप लगाया कि यूपीसीएल प्रबंधन हाईकोर्ट और औद्योगिक न्यायालय की अवमानना करने पर तुला है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट और औद्योगिक न्यायालय के निर्णय के अनुरूप नियमितीकरण और समान कार्य के समान वेतन देने के उलट प्रबंधन साशिजों का जाल बुन रहा है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन इस खुरापात में लगा है कि संविदा कर्मचारी कैसे परेशान किये जाये। यही वजह है कि प्रबंधन साजिश के तहत मीटर रीडिंग का कार्य तथा बिजली घरों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यूपीसीएल इस तरह की साजिश रचता है संगठन इसका पुरजोर विरोध करेगा।
स्थानांतरण और निजीकरण के खिलाफ होंगे एकजुट
उत्तराखंड संविदा कर्मचारी संगठन ने अपनी आपात बैठक में दो टूक कहा कि अगर यूपीसीएल प्रबंधन ने संविदा कर्मियों के स्थानांतरण और निजीकरण की कार्यवाही को निरस्त नहीं किया तो संगठन प्रदेश भर में बड़े स्तर पर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि उच्च न्यायालय तथा औद्योगिक न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए प्रबंधन नियमितीकरण तथा समान कार्य के समान वेतन देने की दिशा में ठोस कार्यवाही करें जिससे संविदा कर्मिकों का मनोबल बढ़ सके। यदि प्रबंधन द्वारा संगठन की मांगों पर ठोस कार्यवाही नही की जाती है तो उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन आंदोलन की राह पकड़ेगा।