बड़ी ख़बरः उत्तराखंड में बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त
देहरादूनः मौसम ने उत्तराखंड में एक बार फिर भारी आफत खड़ी कर दी है। सीमान्त जनपद उत्तरकाशी मौसम के कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। जनपद में अभी तक तीन लोगों के मलबे में दफन होने की खबर है। लगातार बारशि के चलते बचाव और राहत के कार्य में बाधा पहुंच रही है। वहीं भारी बारिश को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है।
आराकोट पर आफत के बादल
उत्तरकाशी जनपद के आराकोट और मकौड़ी गांव में भारी बारिश ने कहर मचा रहा है। क्षेत्र में बरसाती नाले उफान पर है। जगह-जगह भूस्खलन से लगभग आधा दर्जन गांव के लोग जंगल की ओर सुरक्षित स्थानों की तरफ चले गये हैं। जिलामुख्यालय से गांव का संपर्क कट जाने से इन गांवों में राहत पहुचाने में परेशानी हो रही है।
वहीं आराकोट में बारिश के दौरान नालों के उफान पर होने से एक बच्चा बह गया। जबकि एक मकान के ध्वस्त होने से मलबे में एक महिला और बच्ची के दबने की सूचना है। मकौड़ी गांव में भी एक महिला के मलबे में दबने की सूचना है। बादल फटने से नाले उफान में आने के चलते पैदल रास्ते, पुलिया बह गए। साथ ही दो दर्जन से ज्यादा मकानों में मलबा घुस गया।
भूस्खलन से बढ़ी मुश्किलें
उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के चलते दुश्वारियां का दौर जारी है। चमोली जिले के पैनी और सेलंग इलाके में बरसाती नाले के उफान से पांच दुकानें ध्वस्त हो गईं, जबकि बदरीनाथ हाईवे दस मीटर बह गया। वहीं, चारधाम यात्रा मार्ग भी बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं। सुरक्षा के मुद्देनजर प्रशासन ने केदारनाथ पैदल यात्रा रोक दी है। पिथौरागढ़ के गणाईगंगोली में एक मकान ध्वस्त हो गया, उसमें रह रहा परिवार बाल-बाल बचा।
उत्तरकाशी में बारिश ने भारी कोहराम मचा रखा है। आराकोट से लगे डगोली गांव में दोनों तरफ नाले उफान पर हैं। गांव के नीचे से भारी मात्रा में भूधसाव होने से तकरबीन आधा दर्जन मकान खतरे की जद में आ गए। इससे गांव में अफरातफरी जैसा माहौल बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात करीब तीन बजे गांव के दोनों नालो में बहुत पानी बढ़ा और तेज मूसलाधार बारिश से देखते ही देखते गांव की सड़कें नदी में तब्दील हो गईं। सड़क बह गई और आसपास के घरों में मलबा भर गया। तबाही की इस बारिश से गांव का संपर्क जिले से कट गया है।