बड़ी खबर: त्रिवेन्द्र को फिर बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में संगठन, हाईकमान से करेंगे मुलाकात
देहरादून। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत दिल्ली में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें पार्टी हाईकमान ने दिल्ली बुलाया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ये पहला मौका है जब पूर्व सीएम दिल्ली हाईकमान से मिलने गए हैं। इसी के साथ ही उनके दिल्ली दौरे को लेकर सियासी गलियारों में कयासबाजी शुरू हो गई है। हालांकि यह साफ नही हो पाया है कि पूर्व सीएम दिल्ली अपने नीजि कार्य से गये है या फिर उन्हें दिल्ली बीजेपी संगठन ने बुलाया है। जानकारों की माने तो इतना तय है कि जल्द बीजेपी संगठन फिर पूर्व सीएम रावत को बडी जिम्मेदारी सौंपेगा। इसका सबसे बडा कारण राज्य में विस चुनाव 2022 है। जिसे देखते हुये संगठन पूर्व सीएम रावत की बेदाग छवि को भी भुनाना चाहेगा। सूत्रों की माने तो इस तीन दिन के दिल्ली परवास के दौरान सीएम रावत प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अति शाॅह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ साथ बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडृा के साथ साथ महामंत्री संगठन से भी मुलाकात कर सकते है।
ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र को हाईकमान फिर कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। पिछले दिनों बीजेपी महामत्री बीएल संतोष उत्तराखण्ड आये थे। इस दौरान महामंत्री बीएल संतोष की त्रिवेन्द्र के निजी आवास पर मिलने पहुंचे थे। राजनीति के जानकार इसके भी अलग मायने निकाल रहा है। राजनीति पण्डित बताते है कि त्रिवेन्द्र के प्रशासनिक और त्वरित फैसले लेने की क्षमता का हाईकमान और संघ कायल है। प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के दौरान बतौर पर्यवेक्षक दुष्यंत गौतम और डा० रमन सिंह त्रिवेन्द्र विकास माडल की प्रशंसा कर चुके है। भाजपा प्रदेश प्रभारी इसके बाद कई मंचों पर त्रिवेन्द्र को केन्द्र बड़ी जिम्मेदारी का संकेत दे चुके हैं।
हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत कि यह मुलाकात बेहद गोपनीय रखी गयी है। फिलहाल इस संबंध में कुछ भी नही बताया जा सकता है कि केंद्र पूर्व सीएम को क्या जिम्मेदारी देने जा रहा है, लेकिन यह लगभग तय है कि बीजेपी आलाकमान पूर्व सीएम रावत को लेकर काफी गंभीर है और वह पिछले तीन महीने में यह भांप गया है कि रावत को लेकर जो भी फीडबैक दिल्ली भेजी गयी थी वह एक सुनियोजित थी। जिसका लगभग पटाक्षेप हो चुका है। वही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी त्रिवेन्द्र के दिल्ली दौरे को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि कुछ दिन इंतजार कीजिए। हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपनी पुत्री को छोड़ने दिल्ली गए हैं और इस दौरान वे पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। अटकलबाजियां जो भी लेकिन सच्चाई ये त्रिवेन्द्र सिंह रावत मंगलवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुए है.