बड़ी खबर: उत्तराखंड हाईकोर्ट का सरकार पर डंडा, संकटकाल में फीस मांगने वाले स्कूलों पर करें कार्रवाई
देहरदून। उत्तराखंड में लॉकडाउन की अवधि व कोरोना वायरस कोविड-19 में निजी और सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस न लेने के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि जोे स्कूल जबरन फीस वसूल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि कक्षा 5वीं तक के बच्चों से कोई फीस इस दौरान नही ली जायेगी।
गौरतलब हो कि लाॅकडाउन होने के कारण प्रदेश के सभी स्कूल पूर्ण रूप से बंद है। ऐसे में अभिभावकों पर स्कूल प्रबंधन की ओर से दबाव बनाया जा रहा है कि वह जल्द से जल्द फीस जमा करे। जिसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका पर चुनवायी के दौरान कोर्ट कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को भी निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार के 2 मई 2020 के उस आदेश का पालन करें, जिसमें ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क न लेने को कहा गया था। इस आदेश में सरकार ने कहा था कि ट्यूशन फीस भी वही स्कूल ले सकते हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं।
कोर्ट ने निजी स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे फीस जमा करने को लेकर अभिभावकों को किसी प्रकार का नोटिस जारी न करें।
यूकेजी और एलकेजी के बच्चों कोे कैसे दे रहे हैं ऑनलाइन शिक्षा
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों को किस तरह से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि कितने प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं तथा कितने स्कूल यह सुविधा दे रहे हैं। कोर्ट ने शिक्षा सचिव को विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए यह बताने को कहा है कि प्रदेश भर में कितने छात्र छात्राएं ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। कोर्ट ने पूछा कि उत्तराखंड में स्कूलों और अभिभावकों के पास ऑनलाइन पढ़ाई की क्या सुविधा है।