उत्तराखण्ड में बड़ा सियासी घमासान, नाखुस सतपाल महाराज और हरक सिंह पहुंचे दिल्ली

satpal mahraj

देहरादून। उत्तराखण्ड की सियायत में बड़ा सियासी घमासान देखने को मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के बड़े नेता सतपाल महाराज को युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री घोषित करना रास नहीं आया है। इससे आज होने वाले मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में काले बादल दिखने लगे हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत समेत पार्टी के कई बड़े नेता पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाने से नाखुश है। सतपाल महाराज का तो दावा है कि 35 विधायक उनका साथ है जो कभी भी इस्तीफा देने का तैयार हैं। शनिवार को ही पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी के बाद से ही पार्टी के भीतर खेमेबंदी शुरू हो गई थी।

सूत्र बताते हैं कि उत्तराखण्ड में सीएम इन वेटिंग सतपाल महाराज विधायक दल की बैठक से नाराज हो कर चले गए। इस दौरान ना तो उन्होंने ना किसी नेता से बात की और ना ही मीडिया से मुखातिब हुए।

इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता विशन सिंह चुफाल, धन सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी धामी के नाम पर नाराज बताये जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक धन सिंह रावत, विशन सिंह चुफाल और सतपाल महाराज को मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने से रोकने के लिए भाजपा में नये समीकरण बने हैं।

इन समीकरणों के तहत महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने आपस मे हाथ मिला लिया है। जिससे सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और बिशन सिंह चुफाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने ही नहीं दिया गया।

इसका नतीजा यह हुआ कि पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई जबकि सतपाल महाराज और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का खेमा अलग-थलग पड़ गया है।

सूत्रो के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सीएम इन वेटिंग सतपाल महाराज खासे नाराज हैं, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

फिलहाल सतपाल महाराज और दूसरे बड़े नेताओं की नाराजगी सामने आई है उससे आज होने वाले शपथ समारोह में ग्रहण लग सकता है।

नाखुश सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत दिल्ली में डटे हैं उनका दावा है कि 35 विधायक उनके साथ हैं जो कभी भी अपना इस्तीफा देने को तैयार है। इससे जाहिर होता है कि उत्तराखड में कभी भी बड़ा सियासी बवंडर देखने मिल सकता है।