December 5, 2024

बड़ा सवाल: स्वरोजगार में बाधा है कड़े नियमों की भरमार, नियमों को सरल करे सरकार : अमेंद्र

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देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) ने प्रदेश में हजारों लोगों को बेरोजगार कर दिया है। पर्यटन से जुडे रोजगार पर इसका सबसे ज्यादा बुरा असर देखने मिला। इस बात की तस्दीक टिहरी जिला पंचायत के सदस्य अमेंद्र बिष्ट के उस पत्र में झलकती है जो उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजा। अपने पत्र में अमेंद्र बिष्ट ने धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की स्थिति को बयां करते हुए लिखा कि धनोल्टी विधानसभा के प्रत्येक गांव के लोगों की आर्थिकी मसूरी, केम्पटीफाॅल, धनोल्टी और कद्दूखाल जैसे पर्यटक स्थलों पर निर्भर है। जबकि जौनपुर ब्लाॅक के लोगों की आर्थिकी पूरी तरह से मसूरी पर निर्भर है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन से सबके रोजगार छिन गये हैं। ऐसे में हजारो लोगों के सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है।

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जिला पंचायत सदस्य अमेंद्र बिष्ट

टिहरी जिला पंचायत की जिला नियोजन समिति के सदस्य अमेंद्र बिष्ट का कहना है कि धनोल्टी विधानसभा के अधिसंख्य लोगों का रोजगार पर्यटन पर निर्भर करता है। ये लोग नौकरी के साथ-साथ मसूरी, धनोल्टी जैसे जगहों पर सब्जी, दूध और नकदी फसल बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं। इतना ही नहीं अकेले जौनपुर ब्लाॅक के 1500 से अधिक युवा मसूरी में होटल लीज पर लेकर होटल व्यवसाय करते हैं या फिर होटलों में नौकरी कर अपना भरण-पोषण करते हैं। लेकिन लाॅकडाउन के चलते पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से चैपट हो जाने से जिसका सीधा असर इन लोगों पर पड़ा। कोरोना महामारी का दायरा बढ़ रहा है लिहाजा हालात लाॅकडाउन को खोलने की इजाजत नहीं देंगे। ऐसे में पर्यटन व्यवसाय के खुलने के आसार दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे। ऐसे में इन लोगों के सामने रोजगार की सबसे बड़ी चुनौती होगी।

स्थानीय लोगों की आजीविका को लेकर अमेंद्र बिष्ट का कहना है कि उन्होंने अपने पत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कुछ सुझाव इस अनुरोध के साथ साझा किये कि धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र में कृषि और बागवानी की अपार संभावनाएं है। लिहाजा मुख्यमंत्री रावत को इन विभागों के जरिये लोगों को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि इसके लिये राज्य सरकार लोगों को राजकीय मदद प्रदान कर विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारे। टिहरी जिला पंचायत सदस्य अमेंद्र बिष्ट का कहना उन्होंने सीएम रावत को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत नियमों में ढील देने का सुझाव दिया है। अगर राज्य सरकार सच में प्रदेश के लोगों को स्वरोजगार की ओर मोड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें नियमों को आसान बनाना होगा ताकि स्वरोजगार योजना आम आदमी की पहुंच से बाहर न हो।