बिहार: सवाल कुशासन और सुशासन का! आखिर किसकी सरकार में बढ़े अपराध? एनडीए या महागठबंधन
बिहार की राजधानी पटना के फतुहा इलाके से सटे जेठुली गांव में गोलीकांड के बाद राज्य में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. वहीं, इस मामले को लेकर अब सियासत भी गरमा गई है. छोटे सी बहस से शुरू हुए झगड़े ने कब इतना विकराल रूप ले लिया पता ही नहीं चला. इसमें पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे हैं. इतना ही नहीं इस गोलीकांड को पंचायत चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है. चलिए आपको बताते हैं बिहार में आखिर किसकी सरकार (एनडीए या महागठबंधन) में ज्यादा हिंसा और अपराध देखने को मिले हैं.
दरअसल, इस गोलीकांड के बाद से बीजेपी लगातार बिहार सरकार पर हमला बोले हुए हैं. उनका आरोप है कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद राज्य में अपराध के मामले तेजी से बढ़ें हैं. हालांकि, नीतीश सरकार का कहना है कि बीजेपी सत्ता से बाहर हो चुकी है इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रही है. आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि महागठबंधन की सरकार आने के बाद सच में बिहार का क्राइम रेट बढ़ा है.
आंकड़ों पर एक नजर
एबीपी न्यूज के इस आंकड़े में एनडीए सरकार के अगस्त-अक्टूबर 2021 का और महागठबंधन सरकार के अगस्त-अक्टूबर 2022 का आंकड़ा दिखाया गया है. हालांकि, दोनों ही गठबंधनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहे हैं.
अपराध | NDA सरकार (अगस्त-अक्टूबर 2021) | महागठबंधन सरकार (अगस्त-अक्टूबर 2022) |
हत्या | 701 | 704 |
रेप | 365 | 502 |
डकैती | 53 | 73 |
अपहरण | 2,551 | 2,857 |
आंकड़ों में साफ देखा जा सकता है कि महागठबंधन सरकार के दौरान अपराध तेजी से बढ़ें हैं. रेप की घटना में भारी इजाफा हुआ है. NDA सरकार यानी साल 2021 में यह आंकड़ा 365 था और अब यानी महागठबंधन सरकार में यह नंबर 500 के पार चला गया है. इसी तरह बाकी अपराधों में भी बढ़ोतरी देखी गई है.